गोंडा जिले में चार्जशीट लगाने के नाम पर भी गरीब लोगों से रिश्वत ली जा रही है। चार्जशीट लगाने के नाम पर क्राइम ब्रांच के दारोगा और कांस्टेबल ने रिश्वतखोरी की है और रिश्वत लेते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद गोंडा पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
दरअसल, नगर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले 84 वर्षीय बनारसी के साथ बैंक के लोगों ने फ्रॉड किया था और बनारसी द्वारा बैलेंस कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसकी जांच गोंडा क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अखिलेश यादव द्वारा की जा रही थी। 9 महीने तक चार्जशीट लगाने के नाम पर दरोगा अखिलेश यादव ने 9 महीने तक पूरे जांच को ठंडे बस्ते में डाले रहे और अंत में 84 वर्षीय बुजुर्ग बनारसी से दरोगा अखिलेश यादव ने चार्जशीट लगाने के नाम पर 3000 की रिश्वत ली।
अपने ड्राइवर कांस्टेबल अखलाक अहमद को भी 1000 की रिश्वत दिलाई। रिश्वत लेते दरोगा और कांस्टेबल का वीडियो वायरल होने के बाद गोंडा के पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने क्राइम ब्रांच के दरोगा अखिलेश यादव और कॉन्स्टेबल अखलाक अहमद को निलंबित करते विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
वायरल वीडियो में दरोगा अखिलेश यादव कह रहे हैं कि खर्चा वगैरा ठीक लेकर आएगा नहीं तो बताइएगा। नहीं कि काम नहीं किया मैं नवाब हूं मैं गाड़ी में बैठा रहता हूं और कांस्टेबल अखलाक अहमद को कहता हूं कि जाओ पकड़ कर लाओ मुख्य कर्ताधर्ता कांस्टेबल अखलाक अहमद ही हैं मैं कुछ नहीं हूं मैं तो केवल गाड़ी में नवाब की तरह बैठा रहता हूं।
वही गोंडा पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि 2 पुलिसकर्मियों द्वारा रिश्वत लेने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से दरोगा अखिलेश यादव और कांस्टेबल अखलाक अहमद को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए है।