ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे सर्वे के दरमियान विशालकाय शिवलिंग मिलने की सूचना के बाद अयोध्या के संतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी संत समाज ने माना था कि ज्ञानवापी सनातन धर्मावलंबी के धार्मिक स्थल है और इस मामले पर अब मुस्लिम समाज के लोगों को बड़ा ह्रदय दिखाते हुए अपना कदम पीछे खींचना चाहिए कि इस पूरे मामले पर जल्द ही फैसला हिंदुओं के पक्ष में दिया जाए अब विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि शिवलिंग का मिलना हमारे संकल्पों की सिद्धि है इतिहासकारों ने बताया है कि सिंगार गोरी के साथ विशाल शिवलिंग ज्ञानव्यापी में है जिसकी पूजा अर्चना होती रही है औरंगजेब ने इस ढांचे में बदलाव किया जिसके कारण शिवलिंग तहखाने में रह गया जो आज वजू के स्थान पर मिला है शरद शर्मा ने कहा कि जिस तरीके से 1949 में भगवान राम लला प्रकट हुए थे उसी तर्ज पर आज शिवलिंग जो प्रकट हुआ है इसको देखा जाना चाहिए क्योंकि ज्ञानवापी मस्जिद में इस शिवलिंग को काफी लंबे समय से छुपा के रखा गया गोल्ड के द्वारा जांच कमेटी गठित कर सर्वे कराया जाना यह बहुत ही सुखद संयोग रहा जिस तरह से और रामलला का निर्णय आया और रामलला स्थापित हुए अपने स्थान पर उसी तरह काशी विश्वनाथ और कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति होनी चाहिए क्योंकि यह सनातन धर्मावलंबियों के स्थल पर विदेशी आक्रांताओं के द्वारा खड़े किए गए स्थल हैं सिंगार गौरी और प्रकट हुए शिवलिंग इस बात के प्रमाण हैं कि हमारे विश्वास सिद्ध हुए हैं।