
वैशाख माह की अमावस्या 2025 में विशेष खगोलीय संयोग बन रहे हैं, जो शनि साढ़ेसाती से प्रभावित जातकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस दिन कुछ खास उपाय करने से शनि के कुप्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में सुख-समृद्धि तथा मानसिक शांति पाई जा सकती है। आइए जानते हैं, ऐसे 4 प्रभावी उपाय:
1. शनि देव को तिल का तेल चढ़ाएं:
शनि देव को तिल का तेल चढ़ाना एक अत्यंत प्रभावी उपाय माना गया है। वैशाख अमावस्या के दिन शनि मंदिर जाकर या घर में शनि देवता की प्रतिमा पर तिल का तेल अर्पित करें। इससे शनि के दोषों में कमी आती है और करियर व स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है।
2. हनुमान चालीसा का पाठ करें:
हनुमान जी को शनि दोषों से मुक्ति दिलाने वाला देवता माना जाता है। वैशाख अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और भय, कष्ट तथा बाधाओं से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की आराधना अत्यंत लाभकारी होती है।
3. पीपल के वृक्ष की पूजा करें:
पीपल के वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। अमावस्या के दिन सुबह पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं, दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें। इससे शनि ग्रह शांत होते हैं और जीवन में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं। अगर संभव हो तो पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा या शनि स्तोत्र का पाठ करें।
4. भगवान शिव की पूजा करें:
भगवान शिव को ‘भोलेनाथ’ कहा जाता है, जो अपने भक्तों से शीघ्र प्रसन्न होते हैं। वैशाख अमावस्या के दिन भगवान शिव का जल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत (चावल), और धतूरा अर्पित करें।
ऐसा करने से शनि ग्रह के दोष शांत होते हैं और साढ़ेसाती व ढैय्या के दुष्प्रभाव में कमी आती है। भगवान शिव की कृपा से जीवन में स्थिरता, शांति और समृद्धि आती है।
निष्कर्ष:
वैशाख अमावस्या का दिन विशेष तप और उपायों के लिए अत्यंत शुभ है। यदि आप ऊपर बताए गए इन चारों उपायों को श्रद्धा और विधि-विधान से करते हैं, तो निश्चित रूप से शनि साढ़ेसाती के प्रभाव में कमी आएगी और जीवन में सकारात्मकता आएगी।
Disclaimer:
यह लेख धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले योग्य विद्वान, आचार्य या ज्योतिषी से परामर्श लेना उचित रहेगा। उपायों का प्रभाव व्यक्ति विशेष की कुंडली और ग्रहों की स्थिति के अनुसार भिन्न हो सकता है।
