नमस्कार दोस्तो।आइए हम आपको वर्तमान कोरोना संकट के समय लोगों द्वारा और प्रशासन द्वारा अपनाए गए नियमों, कानूनों की झलक , धार्मिक स्थल पर हो रही लापरवाही का मंजर से आपको रूबरू करवाते है,जिसे हमारी टीम ने कवर किया है। ये स्थान है बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर।
बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर गोंडा शहर से 17 km दूर स्थित है, ये बहुत ही प्राचीन मंदिर है।यह गोंडा अयोध्या रोड पर स्थित डुमरियाडीह बाजार से तरबगंज रोड पर बल्हा राई ग्राम सभा में स्थित है।मान्यता है की यहां स्थित शिवलिंग श्वयंभु मतलब अपने आप धरती से निकला शिवलिंग है। ओरंगजेब के शासन काल में इस शिवलिंग पर आरे से प्रहार किया गया था,जिसका चिन्ह आज भी विद्यमान है।गोंडा परिक्षेत्र में इस मंदिर की मान्यता बहुत अधिक है और सावन महीने में इसकी परसिद्धि देखी जा सकती है।
सावन का महीना चल रहा है,सावन के सोमवार के दिन हमारे रिपोर्टर अभिषेक जी ने यहां पर खासतौर पर कोरॉना को ध्यान में रखते हुए यहां की स्थिति का अवलोकन और कवरेज किया ,जिससे यहां की स्थिति का अनुमान आप स्वयं लगा सकते है।
यहां सावन के सोमवार के दिन शिवजी को जल अर्पित करने वालो का तांता सा लगा रहता है,ठीक वैसे ही आज भी भक्तों की भीड़ बहुत अधिक है।गौर करने वाली बात यह है की लोगो के चेहरों पर मास्क आपको दिखाई नहीं देगा और दिखाई भी देगा तो चेहरे के निचले स्तर पर लटका हुआ।शायद लोगो को कोरोना का भय नहीं या धार्मिक कर्मकाण्ड में सामाजिक जिम्मेदारी मायने नहीं रहती, और साथ ही यहां पर मौजूद प्रशासन वर्ग ,थाना वजीरगंज के एस ओ और अपनी टीम,गाड़ी सहित स्वयं जाम में फसे है।प्रशासन यहां की स्थिति से पहले से परिचित है,किंतु इसके सुचारू रूप से संचालन ,नियमों सहित संचालित करने में असमर्थ सा लग रहा है।लोग सड़क नियमों का पालन तो दूर ,हेलमेट भी पहनना भूल गए है शायद।
एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना की तीसरी लहर को लेकर गंभीर है और उसके चलते मुस्लिम त्योहार मुर्रहम के जुलूस पर प्रतिबंध भी लगा दिया है।वहीं हमारे सामने धार्मिक स्थल पर लोगो का और प्रशासन की लापरवाही का ये नजारा देखेने को मिलता है,तो हम यह जरूर कह सकते है की अगर हमने इस पर ध्यान नहीं दिया और सावधानी नहीं बरती तो तीसरी लहर में हमारा योगदान अवश्य रहेगा।साथ ही प्रशासन भी अपनी भूमिका अदा करेगी।धन्यवाद।
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बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर में वर्तमान कोरोना संकट के समय लोगों द्वारा और प्रशासन द्वारा अपनाए गए नियमों, कानूनों की झलक , धार्मिक स्थल पर हो रही लापरवाही का मंजर-तीसरी लहर को न्योता
