
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करना था। सत्र के दौरान माहौल बेहद गमगीन रहा और सभी सदस्यों ने शहीदों के बलिदान को नमन किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र की शुरुआत में शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में जान गंवाने वाले जवानों और निर्दोष नागरिकों के बलिदान को याद किया गया। इसके बाद सदन में मौजूद सभी विधायकों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
सभी प्रमुख राजनीतिक दलों — भाजपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने एक सुर में आतंकवाद की निंदा की और जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए एकजुट प्रयास करने का संकल्प दोहराया।
विधायकों ने अपने संबोधन में कहा कि पहलगाम हमला न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश की अखंडता और शांति पर हमला है। उन्होंने सरकार से मांग की कि शहीदों के परिवारों को उचित मुआवजा और सहायता दी जाए, साथ ही आतंकियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो।
इस विशेष सत्र का आयोजन यह संदेश देने के लिए किया गया कि जम्मू-कश्मीर की जनता और उनकी लोकतांत्रिक संस्थाएं आतंकवाद के सामने कभी नहीं झुकेंगी।
📌 मुख्य बिंदु:
- पहलगाम आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया।
- सभी दलों ने आतंकवाद की एकस्वर में निंदा की और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का संकल्प लिया।
- शहीदों के परिवारों को सहायता प्रदान करने और आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठाई गई।
- दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।