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बांग्लादेश की विशेष ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में फाँसी की सजा सुनाई

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बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT-BD) ने 17 नवंबर 2025 को ढाका में आरोपों की सुनवाई के बाद फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों — विशेष रूप से 2024 के विद्यार्थी-नेतृत्व वाले विद्रोह के दौरान हुई हिंसा — के लिए दोषी ठहराया है।

आरोप है कि हसीना ने अपने शासन के अंत में प्रदर्शनकारी छात्रों को लक्षित करने का आदेश दिया था, जिससे बड़े पैमाने पर हताहत हुए। ट्रिब्यूनल ने यह पाया कि उन्होंने हिंसा भड़काने, हत्या का आदेश देने और सुरक्षित बलों की कार्रवाई में शामिल होने में भूमिका निभाई।

निर्णय के दिन ढाका में तनाव चरम पर था: कई स्थानों पर आगजनी और बमबारी हुई, और शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।  पुलिस ने घोषणा की कि हिंसा करने वालों के खिलाफ “शूट-ऑन-साइट” आदेश जारी किया गया है।

प्रॉसिक्यूटर ने पहले ही हसीना के लिए 1,400 मौत की सज़ाएँ की मांग की थी, यह तर्क देते हुए कि प्रतिपक्षी प्रदर्शन में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी।  हसीना इस समय भारत में हैं और उन्होंने ट्रिब्यूनल की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है।

यह फैसला बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में एक बड़ा मोड़ है, और इससे देश में आगे की अस्थिरता की आशंका बढ़ गई है।

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