
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच भोजपुरी सिनेमा और राजनीति की दुनिया का संगम एक बड़े विवाद का कारण बन गया है। भाजपा सांसद और मशहूर भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी ने अपने साथी कलाकार और भाजपा नेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ के साथ मिलकर खेसारी लाल यादव के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
दरअसल, खेसारी लाल यादव ने हाल ही में एक बयान दिया था, जिसमें भगवान राम से जुड़े मुद्दे पर उनकी टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी। उनके इस बयान को लेकर कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। अब इस पर मनोज तिवारी और निरहुआ दोनों ने खुलकर प्रतिक्रिया दी है और इसे राजनीति से जोड़ने से इनकार किया है।
मनोज तिवारी ने कहा — “हमसे राजनीति करो, विचारधारा पर बहस करो, लेकिन भगवान राम के खिलाफ बयान देना गलत है। भगवान राम भारत की आत्मा हैं, और उनके नाम पर राजनीति करना या उनका अपमान करना किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि खेसारी लाल यादव एक प्रतिभाशाली कलाकार हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि भोजपुरी समाज की पहचान भगवान राम और सनातनी परंपरा से गहराई से जुड़ी हुई है। तिवारी ने कहा कि “मेरा उनसे कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति आस्था पर प्रहार करेगा तो हम चुप नहीं बैठ सकते।”
दूसरी ओर, दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने भी इसी मुद्दे पर कहा कि बिहार चुनाव का माहौल भले ही गर्म है, परंतु इस दौरान किसी को धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। निरहुआ ने कहा — “खेसारी भाई हमारे छोटे हैं, लेकिन राजनीति और धर्म को एक साथ मिलाना उचित नहीं। अगर किसी को वोट मांगना है तो काम के आधार पर मांगे, भगवान के नाम पर विवाद न खड़ा करे।”
दिलचस्प बात यह रही कि इस विवाद के बीच हाल ही में एयरपोर्ट पर खेसारी लाल यादव ने मनोज तिवारी से मुलाकात की और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पर मनोज तिवारी ने कहा — “वो छोटा भाई है, मैंने गले लगाया। उससे गलती हो गई, पर हम चाहते हैं कि वो दोबारा ऐसा बयान न दे। भगवान राम का नाम राजनीति से ऊपर है।”
इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार के चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है। जहां भाजपा के नेता आस्था के मुद्दे को केंद्र में रख रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इस विवाद को राजनीतिक नैरेटिव बदलने की कोशिश बता रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस विवाद का असर भोजपुरी कलाकारों के प्रशंसकों और मतदाताओं पर भी पड़ सकता है, क्योंकि इन कलाकारों का प्रभाव बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में काफी गहरा है।
मनोज तिवारी और निरहुआ के इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि आने वाले चुनावों में न सिर्फ राजनीतिक रणनीति, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दे भी बड़ा रोल निभाने वाले हैं।



