बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के माहौल में एक बड़ी खबर सामने आई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव को केंद्र सरकार ने Y-Plus श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, हाल के दिनों में तेज प्रताप यादव की जनसभाओं और रोड शो के दौरान भीड़भाड़ और सुरक्षा जोखिमों को देखते हुए एक विशेष सुरक्षा समीक्षा की गई थी। इस रिपोर्ट में उनके खिलाफ संभावित खतरे की आशंका जताई गई थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें Y-Plus श्रेणी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया।
इस श्रेणी की सुरक्षा का मतलब है कि अब तेज प्रताप यादव के साथ सीआरपीएफ (CRPF) के लगभग 11 सशस्त्र कमांडो और 6 व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSO) तैनात रहेंगे। ये सुरक्षाकर्मी तीन शिफ्टों में 24 घंटे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा उनके आवागमन और कार्यक्रमों में भी विशेष सुरक्षा घेरा रहेगा।
तेज प्रताप यादव ने कुछ दिनों पहले यह कहा था कि “राजनीतिक माहौल काफी तनावपूर्ण है, बिहार में कब-कहाँ से हमला हो जाए, कहा नहीं जा सकता।” उनके इस बयान के बाद ही केंद्र सरकार को सुरक्षा समीक्षा का प्रस्ताव भेजा गया था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें कई जिलों में आक्रामक प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा था।
RJD नेताओं ने केंद्र के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि “तेज प्रताप यादव जनता के बीच लगातार काम कर रहे हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।” वहीं विपक्षी दलों ने इस पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है—कुछ नेताओं का कहना है कि राज्य में सुरक्षा का माहौल सबके लिए समान होना चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, तेज प्रताप को Y-Plus सुरक्षा मिलना इस बात का संकेत है कि केंद्रीय एजेंसियां बिहार चुनावों के दौरान VIP नेताओं की सुरक्षा पर खास ध्यान दे रही हैं। यह फैसला न केवल तेज प्रताप के लिए बल्कि आने वाले चुनावी चरणों में अन्य प्रमुख नेताओं के लिए भी सुरक्षा मानकों को बढ़ा सकता है।
मुख्य तथ्य:
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सुरक्षा श्रेणी: Y-Plus
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सुरक्षा कर्मी: 11 सशस्त्र कमांडो + 6 PSO
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निगरानी एजेंसी: CRPF
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निर्णय: केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लिया गया
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कारण: चुनावी माहौल में बढ़ा सुरक्षा जोखिम
बिहार में इस समय चुनावी सरगर्मी चरम पर है, और तेज प्रताप यादव विभिन्न सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा बढ़ाने का यह कदम उनकी राजनीतिक गतिविधियों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है।
