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अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो आपके वेतन से हर महीने कटने वाला एक हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जमा होता है। ये राशि भविष्य में आपकी आर्थिक सुरक्षा के लिए होती है, लेकिन जरूरत पड़ने पर आप इसे कुछ शर्तों के साथ निकाल भी सकते हैं। EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने PF अकाउंट से पैसा निकालने के लिए कई नियम और शर्तें तय की हैं। आइए जानते हैं किन-किन परिस्थितियों में, कितनी राशि और कितनी बार PF से निकासी की जा सकती है:
🔹 1. शादी के लिए PF एडवांस
- नियम: EPF में न्यूनतम 7 साल सदस्यता अनिवार्य
 - राशि: स्वयं के योगदान (ब्याज सहित) का अधिकतम 50%
 - कब: अपनी, भाई/बहन या बच्चों की शादी के लिए
 
🔹 2. उच्च शिक्षा के लिए निकासी
- नियम: 7 साल की सदस्यता जरूरी
 - राशि: स्वयं के योगदान (ब्याज सहित) का अधिकतम 50%
 - सीमा: जीवन में अधिकतम 3 बार निकासी की अनुमति
 
🔹 3. घर खरीदने, बनवाने या मरम्मत के लिए
- घर खरीद/निर्माण के लिए: कम से कम 5 साल की सदस्यता
 - घर मरम्मत के लिए: निर्माण के 5 साल बाद
 - दोबारा मरम्मत: पहली निकासी के 10 साल बाद
 - निकासी सीमा: उद्देश्य के अनुसार, केवल एक बार निकासी
 
🔹 4. मेडिकल एमरजेंसी के लिए
- नियम: कोई न्यूनतम सदस्यता नहीं
 - राशि: आवश्यकतानुसार बार-बार निकासी की अनुमति
 - कवर: स्वयं, जीवनसाथी, बच्चों या माता-पिता का इलाज
 
🔹 5. रिटायरमेंट से एक साल पहले
- निकासी सीमा: कुल पीएफ का 90%
 - शर्त: रिटायरमेंट से एक साल पहले और केवल एक बार
 
🔹 6. विकलांगता के लिए
- निकासी: उपकरण खरीदने हेतु
 - राशि: 6 महीने का वेतन + डीए या योगदान का हिस्सा
 - बारंबारता: हर 3 साल में एक बार निकासी की अनुमति
 
🔹 7. बेरोजगारी की स्थिति में
- शर्तें:
- कंपनी के 15 दिन से अधिक बंद रहने पर
 - 2 महीने से अधिक वेतन न मिलने की स्थिति में
 
 - राशि: कर्मचारी के हिस्से की पूरी राशि + ब्याज
 
🔹 8. होम लोन चुकाने के लिए PF निकासी
- सदस्यता: कम से कम 10 साल पुराना अकाउंट
 - राशि:
- 36 महीने का मूल वेतन + डीए
 - कर्मचारी और नियोक्ता का कुल योगदान + ब्याज
 - या बकाया लोन – जो भी कम हो
 
 
✅ निष्कर्ष
ईपीएफ सिर्फ रिटायरमेंट फंड नहीं है, बल्कि यह नौकरी के दौरान आने वाली जरूरी वित्तीय जरूरतों में भी आपकी मदद करता है। लेकिन पैसे निकालने से पहले इन नियमों और शर्तों को समझना बेहद जरूरी है ताकि आप भविष्य में किसी जटिलता से बच सकें।



