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“5 करोड़ नकद, 1.5 किलो सोना, मर्सिडीज़-ऑडी — CBI ने पंजाब के DIG हरचरण भुल्लर के घरों से बड़े अवैध संपत्ति का खुलासा किया”

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पंजाब के रूपड़ रेंज DIG (Deputy Inspector General) हरचरण सिंह भुल्लर को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है, तथा उनके मकानों और कार्यालयों से भारी मात्रा में नकदी, कीमती सोना एवं लग्जरी वाहनों की बरामदगी हुई है। इस कार्रवाई को CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने अंजाम दिया है और माना जा रहा है कि यह पंजाब पुलिस में हाई-प्रोफ़ाइल अधिकारियों पर उठे भ्रष्टाचार के आरोपों की एक नए स्तर की पुष्टि है।

घटना की शुरुआत एक शिकायत से हुई — फतेहगढ़ साहिब जिले के एक स्क्रैप व्यापारी आकाश बत्ता ने यह दावा किया कि DIG भुल्लर और उनके सहायक (मध्यस्थ) ने उन्हें एक अपराध मामले को “settle” करने के नाम पर ₹8 लाख का रिश्वत मांगा था। इस वजह से CBI ने ट्रैप लगाकर इस निविदान (bribe) को पकड़ने की योजना बनाई।

अभियोग पत्र (FIR) और जांच विवरणों के अनुसार, इस निविदान की पहली किस्त के रूप में ₹8 लाख स्वीकार करने के बाद, अधिकारी ने आरोपपत्र में संवाद किया कि इस भुगतान को लेकर “सितम्बर का नहीं आया, अगस्त का नहीं आया” जैसे कथन कहे गए — यह संकेत करता है कि यह रिश्वत केवल एकमुश्त मांग नहीं थी, बल्कि नियमित मासिक वसूली (monthly bribe) की व्यवस्था थी।

CBI ने तुरंत गिरफ्तारी की कार्रवाई करते हुए मोहाली में उनके कार्यालय से भुल्लर को गिरफ्तार किया, साथ ही मध्यस्थ व्यक्ति (जिसे “कृष्णा” नाम से प्रकाशित किया गया है) को भी हिरासत में लिया गया।

उसके बाद, भुल्लर से जुड़े विभिन्न ठिकानों पर छापे मारे गए — उनकी निवास स्थान, कार्यालय और अन्य संपत्तियों में तलाशी ली गई। इन छापों में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बरामदियाँ हुईं:

अगली सुनवाई में भुल्लर और मध्यस्थ को कोर्ट में पेश किया जाएगा। जांच एजेंसियाँ अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि ये संपत्तियाँ किस तरह बढ़ीं, कौन-कौन लोग इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं, और मनी लॉन्ड्रिंग के लिंक कहाँ हैं।

भुल्लर 2007-बैच के IPS अधिकारी हैं, और उन्होंने पंजाब में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है — DIG पटियाला रेंज, संयुक्त निदेशक (Vigilance Bureau), SSP मोहाली, सग्रुर, होशियारपुर आदि।
उन्हें नवंबर 2024 में रूपड़ रेंज DIG बनाया गया था।

राजनीतिक और प्रशासनिक आरोप-प्रत्यारोप की जटिलताओं के बीच, इस गिरफ्तारी ने पंजाब सरकार की ईमानदारी और पारदर्शिता की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेष रूप से, यह मामला AAP ( आम आदमी पार्टी ) की “स्वच्छ छवि” दावे को चुनौती देता है, क्योंकि भुल्लर को राज्य सरकार के प्रभाव में काम करने वाला माना जाता था।

इसके अलावा, विपक्षी पार्टियों ने इस घटना को राज्य में पुलिस अधिकारियों के मंत्रीज़ो (political patronage) संबंधों और पॉवर संरचनाओं से जोड़ कर देखा है। कहा जा रहा है कि यदि जांच गहराई से की जाए, तो और भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के खुलासे हो सकते हैं।

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