
चीन ने पहली बार आर्मी परेड में प्रदर्शित की खतरनाक DF‑5C इंटर‑कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल
चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध की जापान पर विजय की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित भव्य सेना परेड में पहली बार अपनी सबसे शक्तिशाली इंटर‑कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल – DF‑5C – को प्रदर्शित किया। यह मिसाइल तरल-ईंधन आधारित है और इसकी घरेलू मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसकी मारक दूरी 20,000 किमी से अधिक है, यानी यह कहीं से भी दुनिया के किसी भी हिस्से तक पहुंच सकती है ।
विशेषज्ञों ने इस मिसाइल को अत्यंत खतरनाक बताया है क्योंकि इसका तकनीकी विकास पूर्ववर्ती DF‑5 श्रृंखला और DF‑41 जैसी मिसाइलों की तकनीकों को समाहित करता है । DF‑5C की छह मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
नवीन संरचना — तीन हिस्सों में विभाजित, तीन परिवहन वाहनों द्वारा ले जाया जाता है, जिससे लॉन्च़ की तैयारी समय पहले की DF‑5 श्रृंखला से कम होगी।
विशाल रेंज — पूरी दुनिया में कहीं भी हमले की क्षमता।
लॉन्च विधियों में विविधता — पूर्ववर्ती मॉडल की तुलना में अधिक लचीला।
तेज़ उड़ान गति — कई माच पहुंचने की क्षमता, जिससे हथियार-रोक प्रणालियों को प्रतिक्रिया के बेहद कम समय में अवरोधन करना मुश्किल हो जाता है।
MIRV क्षमता — एक मिसाइल में कई स्वतंत्र टार्गेट वाले वारहेड्स (परमाणु या पारंपरिक), जिससे रोकथाम और चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
उच्च सटीकता — इन्टर्शियल गाइडेंस और स्टारलाइट मार्गदर्शन प्रणाली के उपयोग के साथ निर्देशित संचालन।
परेड में अन्य प्रमुख हथियार
इस परेड में DF‑5C के अलावा कई उन्नत हथियार प्रणालियों को प्रदर्शित किया गया, जैसे-DF‑26D जहाजरोधी बैलिस्टिक मिसाइल, CJ‑1000 हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल, एंटी‑ड्रोन लेजर हथियार, कैरियर‑किलर मिसाइलें, नया टैंक Type 99B, गहराई तक मार करने वाले समुद्री ड्रोन, H‑6J लंबी दूरी के बमवर्षक, हवाई पूर्व चेतावनी विमान, और सेना एवं नौसेना ड्रोन आदि ।
इस प्रदर्शनी का संदेश
इस सेना परेड ने चीन की रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं और उसकी परमाणु क्षमताओं के विस्तार को वैश्विक स्तर पर उद्घाटित किया। DF‑5C जैसी मिसाइल का प्रदर्शन एक स्पष्ट संदेश है — चीन अब वैश्विक स्तर पर अपनी सीमाओं के बाहर तक प्रभावी ढंग से जवाब देने में सक्षम है।



