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ग्रेटर नोएडा में सेवानिवृत्त इंजीनियर से 1.3 करोड़ की ठगी, मुंबई पुलिस ने साइबर गिरोह का किया पर्दाफाश

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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक सेवानिवृत्त इंजीनियर के साथ ऑनलाइन निवेश के नाम पर 1.3 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित इंजीनियर को सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के जरिए एक फर्जी कंपनी में निवेश का झांसा दिया गया था। शुरुआत अगस्त में हुई जब एक व्यक्ति ने खुद को अमेरिका स्थित CHCP Global Securities का प्रतिनिधि बताकर उनसे संपर्क किया। उसने इंजीनियर को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर बताया कि स्टॉक ट्रेडिंग से वह कम समय में बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।

ग्रुप में रोजाना स्क्रीनशॉट और फर्जी मुनाफे के आंकड़े भेजे जाते थे ताकि पीड़ित का भरोसा जीता जा सके। कुछ ही दिनों में इंजीनियर ने NEFT, RTGS और IMPS के जरिए अलग-अलग खातों में करीब 22 ट्रांजैक्शन किए, जिनकी कुल राशि लगभग ₹1.3 करोड़ थी। ठगों ने उन्हें लगातार यह भरोसा दिलाया कि जल्द ही उनका मुनाफा दोगुना होकर लौटेगा, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने संपर्क तोड़ दिया। जब इंजीनियर ने अपने निवेश का पैसा निकालने की कोशिश की तो पता चला कि वेबसाइट और ऐप दोनों गायब हो चुके हैं।

इस पूरे मामले की शिकायत साइबर पुलिस से की गई, जिसके बाद जांच में यह खुलासा हुआ कि गिरोह का संचालन मुंबई से किया जा रहा था। पुलिस ने अब तक कुछ संदिग्ध खातों को फ्रीज किया है और यह पता लगाने में जुटी है कि रकम किन रास्तों से अलग-अलग खातों में पहुंचाई गई। अधिकारियों का कहना है कि यह संगठित साइबर गिरोह देशभर में कई लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है और इसके तार विदेशी कॉल सेंटरों से भी जुड़े हो सकते हैं।

मुंबई पुलिस ने इस साइबर गैंग के कुछ सदस्यों की पहचान कर ली है और तकनीकी जांच के माध्यम से बाकी आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। इस मामले के बाद पुलिस ने आम जनता को चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया या व्हाट्सएप पर निवेश, ट्रेडिंग या उच्च रिटर्न वाले ऑफर से सावधान रहें। किसी भी कंपनी या निवेश प्लेटफॉर्म की वैधता जांचे बिना पैसे ट्रांसफर न करें। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की ठगी में अपराधी अक्सर फर्जी वेबसाइट, मोबाइल ऐप और विदेशी फोन नंबर का इस्तेमाल करते हैं ताकि ट्रेसिंग मुश्किल हो सके।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर वे इस तरह के किसी भी संदेहास्पद निवेश ग्रुप या संदेश से रूबरू हों, तो तुरंत cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं और अपने बैंक को तुरंत सूचित करें ताकि खाते से निकासी रोकी जा सके।

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