
कई इलाकों में AQI 400 पार, नोएडा सबसे प्रदूषित शहर घोषित
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर भयावह स्तर पर पहुंच गया है। शनिवार, 8 नवंबर 2025 को जारी आंकड़ों के अनुसार राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया, जो “गंभीर श्रेणी” (Severe Category) में आता है। नोएडा इस समय एनसीआर का सबसे प्रदूषित इलाका बन गया है, जहां औसत AQI 354 तक पहुंच गया। वहीं, दिल्ली के वजीरपुर में AQI 420, बवाना में 419 और बुराड़ी क्रॉसिंग पर 418 दर्ज किया गया। यह स्तर हवा में मौजूद घातक कणों की मात्रा को दर्शाता है, जो सामान्य मानकों से कई गुना अधिक है।
दिल्ली के अलावा एनसीआर के अन्य क्षेत्रों की स्थिति भी चिंताजनक है। गाजियाबाद में AQI 339, ग्रेटर नोएडा में 336, गुरुग्राम में 236 और फरीदाबाद में 264 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि इन इलाकों में हवा की गुणवत्ता कुछ बेहतर बताई गई, लेकिन समग्र रूप से पूरा क्षेत्र “बहुत खराब” श्रेणी में बना हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में पीएम10 की मात्रा 324.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम2.5 की मात्रा 190.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाई गई, जो सामान्य सीमा से कई गुना अधिक है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रदूषण का मुख्य कारण पराली जलाने से उठने वाला धुआं, निर्माण स्थलों से उड़ती धूल, वाहनों का उत्सर्जन और औद्योगिक धुएं हैं। मौसम विभाग ने बताया कि इस समय हवा की गति बहुत धीमी है, जिससे प्रदूषक तत्व ऊपर नहीं उठ पा रहे और जमीन के स्तर पर ही जम रहे हैं। यही वजह है कि सुबह और शाम के समय स्मॉग की परत और घनी हो जाती है।
दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें। बच्चों, बुजुर्गों और सांस से जुड़ी बीमारियों वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि बाहर निकलते समय एन95 या केएन95 मास्क का उपयोग करें, घरों के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और वाहन का प्रयोग कम से कम करें।
मौसम विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक, अगले दो से तीन दिनों तक हवा की स्थिति “बहुत खराब” श्रेणी में बनी रह सकती है। मंगलवार तक हल्की हवा चलने की संभावना है, जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन फिलहाल प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति में है।
दिल्ली-एनसीआर में हर साल सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण की यह स्थिति गंभीर समस्या बन जाती है। ऐसे में सरकार और आम जनता दोनों को मिलकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि आने वाले दिनों में इस पर्यावरणीय संकट को रोका जा सके।



