
राजधानी दिल्ली के पुरानी दिल्ली इलाके में सोमवार शाम एक भयंकर धमाका हुआ जब लाल किला के गेट नंबर 1 के पास खड़ी एक कार अचानक विस्फोटित हो गई। इस धमाके में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
चश्मदीनों का कहना है कि धमाका इतना तीव्र और अचानक था कि आवाज सुनते ही आसपास खड़ी गाड़ियों के शीशे टूट गए और दूर-दूर तक चीथड़े उड़ते दिखाई दिए। एक चश्मदीन ने बताया:
“कहीं इंसान का हाथ पड़ा हुआ था, कहीं एक फेफड़ा — मैं आगे नहीं बढ़ सका।”
घटना के समय उस इलाके में भारी-भीड़ मौजूद थी, क्योंकि यह पास ही का लोकप्रिय बाजार और मेट्रो स्टेशन का मार्ग है। धमाके के बाद मौके पर तुरंत अफरा-तफरी मच गई — लोग भागने लगे, कुछ घायल वहीं पड़े दम तोड़ रहे थे। पुलिस ने जल्द ही इलाके को सील कर दिया है और फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर सक्रिय हो गई है।
दमकल सेवाओं को तुरंत बुलाया गया और करीब 15–20 फायर इंजन घटनास्थल पर पहुंचे थे क्योंकि धमाके के बाद कार और आसपास की गाड़ियों में आग लग गई थी।
हालाँकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह कार ब्लास्ट किसी आतंकी हमले का नतीजा है या दुर्घटना — लेकिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और National Investigation Agency (एनआईए) की टीम ने इस मामले में तफ्तीश शुरू कर दी है।
इस हादसे ने सिर्फ पुरानी दिल्ली बल्कि समूचे राष्ट्रीय राजधानी को झकझोर दिया है — सुरक्षा बलों ने आसपास के इलाकों में विशेष सतर्कता बढ़ा दी है और जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर भरोसा न करें तथा संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति देखते ही सूचित करें।
घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जहाँ उनका इलाज जारी है। मृतकों के परिजनों को भी तीव्र सूचना दी जा रही है और मामले में आगे की जांच से पता चलेगा कि विस्फोट किस प्रकार हुआ — कार में पहले से कोई विस्फोटक था या गैस/ईंधन से दुर्घटना हुई।
इस प्रकार यह घटना सुरक्षा-प्रबंधों की समीक्षा का भी विषय बन गई है — राजधानी में सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा, भीड़-भाड़ वाले मार्गों में निगरानी प्रणाली, संदिग्ध वस्तुओं का पता लगाने की प्रक्रिया — इन सब पर अब सवाल उठ खड़े हुए हैं।



