Faisal Ahmed Patel — दिग्गज कांग्रेस नेताओं में से रहे Ahmed Patel के बेटे — ने हाल-ही में सोशल मीडिया पर अचानक यह ऐलान किया कि वह और उनके समर्थक कांग्रेस पार्टी से अलग होकर “नया ग्रुप” बनाना चाहते हैं। उन्होंने इस नए ग्रुप का नाम “Congress (AP)” रखने की बात कही। और कहा कि उनकी बहन Mumtaz Patel भी इस ग्रुप में जुड़ सकती हैं।
इस पोस्ट के साथ ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। परिवार की विरासत, पार्टी में उनसे जुड़े पुराने वफादारों की भावनाएँ, और कांग्रेस के भविष्य को लेकर तुरंत कई तरह के सवाल उठने लगे।
पलटवार — मुमताज का स्पष्टीकरण और खंडन
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लेकिन जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई, मुमताज पटेल ने सोशल मीडिया पर तुरंत सफाई दी और अपने भाई के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट लिखा कि — “मुझे किसी भी नई पार्टी या ग्रुप में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है।”
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उन्होंने कहा कि उनके भाई के विचार और फैसले “पूरी तरह से उनके अपने” हैं — और मुझे उनसे न जोड़ने की अपील की।
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इस बयान के साथ, परिवार के अंदर विवाद की खबरें और कांग्रेस के भीतर संभावित दरार की चर्चाएं फिलहाल शांत पड़ती दिख रही हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों के लिए यह मामला अभी कहानी खत्म नहीं — बल्कि शुरूआत मात्र है।
पृष्ठभूमि और संदर्भ
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फैसल पटेल ने फरवरी 2025 में ही कांग्रेस से दूरी की घोषणा की थी; उन्होंने उस समय कहा था कि कई सालों की मेहनत और कोशिशों के बावजूद पार्टी में उन्हें “हर कदम पर नकारा” गया।
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उसी समय उन्होंने स्पष्ट किया था कि वे किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हो रहे — बल्कि “सामाजिक कार्य” करना जारी रखेंगे।
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दूसरी ओर, मुमताज पटेल कांग्रेस में सक्रिय रहीं हैं, काम कर रही हैं — खासकर गुजरात में पार्टी के प्रचार-कार्य में।
इसने फैसल और मुमताज — एक ही परिवार के दो प्रमुख सदस्यों — के बीच राजनीतिक दृष्टिकोण व दिशा को लेकर असहमति को उजागर कर दिया है।
मुमकिन असर — कांग्रेस व राजनीतिक परिदृश्य
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जिस वक्त यह विवाद सामने आया है, वह ऐसा समय है जब Indian National Congress (कांग्रेस) देश में कई चुनावों के बाद अपनी पहचान को लेकर जूझ रही है — विशेष रूप से हाल की हार-जीत, आंतरिक कलह और संगठनात्मक चुनौतियों के बीच।
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यदि फैसल का नया ग्रुप बनता भी है — और उसमें अन्य कार्यकर्ता व नेता भी जुड़ते हैं — तो गुजरात या देश के अन्य हिस्सों में कांग्रेस की साख व एकजुटता पर असर पड़ सकता है।
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दूसरी ओर, मुमताज के खंडन ने फिलहाल कांग्रेस में टूट की संभावना को टाल दिया है — लेकिन यह घटना कांग्रेस के अंदर असंतोष और विभिन्न मतों की मौजूदगी को उजागर करती है।
