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उत्तर गोवा जिले के अरपोरा इलाके में स्थित Birch by Romeo Lane नाइट क्लब में 6 दिसंबर 2025 की रात लगभग 12:00 बजे भयंकर आग लग गई। इस अग्निकांड के कारण 25 लोग — जिनमें स्टाफ और पर्यटक शामिल थे — अपनी जान गंवा चुके हैं और कई घायल हुए हैं।
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हादसे के बाद, नाइट क्लब के मालिकों Saurabh Luthra और Gaurav Luthra सहित अन्य कई प्रबंधकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। पुलिस ने इस घटना को गंभीर अपराध माना है — आरोप है कि अग्निशमन और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था।
आरोपियों की फरारी — कैसे भागे, कहाँ गये
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रिपोर्टों के अनुसार, घटना के लगभग पाँच घंटे बाद ही सौरभ और गौरव लुथरा मुंबई पहुँच गए। इसके बाद वे इंडिगो (IndiGo) की फ्लाइट 6E 1073 में सवार होकर थाईलैंड के फुकेट (Phuket) भाग गए।
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पुलिस ने दोनों के लिए लुकआउट नोटिस (LOOK-OUT CIRCULAR) जारी कर दिया है, ताकि उनकी अंतरराष्ट्रीय यात्रा रुक सके और उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।
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इस बीच, गोवा पुलिस और अन्य एजेंसियाँ उनके ठिकानों की तलाशी, विदेश भागने की रफ्तार, और संभावित दबाव व सहायता नेटवर्क की जांच में जुट गई हैं।
एफआईआर, गिरफ्तारी और सरकार की कार्रवाई
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पुलिस ने नाइट क्लब मालिकों, मैनेजमेंट, प्रबंधकों व आयोजनकर्ताओं सहित कई लोगों को आरोपी बनाया है। FIR में आरोप है कि “बिना उचित सुरक्षा व अग्नि-प्रोटोकॉल और आग बुझाने के इंतजाम के” क्लब में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
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अब तक क्लब से जुड़े चार अधिकारियों — जीएम, बार-मैनेजर, गेट-मैनेजर आदि — को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, अन्य दो सम्पत्तियों सहित ‘रोमियो लेन’ नामक आतिथ्य कंपनी की अतिरिक्त संपत्तियाँ भी सील की जा चुकी हैं।
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राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि गोवा भर के सभी नाइट क्लबों, बार और मनोरंजन स्थलों की तत्काल फायर-सेफ्टी ऑडिट की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों। इस घटना ने nightlife क्षेत्र की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
सार्वजनिक व कानूनी प्रतिक्रियाएँ
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हादसे के बाद “safety norms negligence, illegal operations” जैसे आरोप जोर पकड़ गए हैं। कई लोग लगातार पूछ रहे हैं कि कैसे बिना proper NOC, सीलेंस व सुरक्षित निकासी मार्ग के नाइट क्लब को अनुमति मिली थी।
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क्लब मालिकों की फरारी और भागने की कोशिश को कई लोग “जिम्मेदारी से भागने की कोशिश” बता रहे हैं — और मांग कर रहे हैं कि international agencies, immigration-authorities और इंटरपोल से मदद ली जाए।
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इस मामले ने देशभर में nightclubs, bars और nightlife spot की सुरक्षा, नियंत्रण व्यवस्था और लाइसेंसिंग प्रक्रिया पर भारी दबाव डाल दिया है — ऐसा माना जा रहा है कि अब सरकार stricter norms लागू कर सकती है।
