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“इज़राइल की हड़ताल यमन के हुडायदा बंदरगाह पर: होउथी सेनाओं की वायु रक्षा प्रणाली प्रभावित”

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यमन के हुडायदा (Hodeidah / Hudayda) बंदरगाह पर इज़राइल द्वारा किए गए हवाई हमले ने एक बार फिर मध्य पूर्व में सुरक्षा व राजनीतिक तनावों को बढ़ा दिया है। इज़राइली रक्षा बलों (IDF) ने यह दावा किया है कि हुडायदा पोर्ट पर होउथी विद्रोहियों द्वारा संचालित एक सैन्य आधारभूत संरचना (military infrastructure) को निशाना बनाया गया है, जिसे हथियारों की तस्करी और हमलों की तैयारी की जगह के रूप में उपयोग किया जा रहा था।

हमले से पहले इज़राइल ने हुडायदा पोर्ट में उपस्थित लोगों और पोर्ट पर या आसपास खड़े जहाजों को इवैक्यूएट (उत्तेजना पूर्व चेतावनी) करने की घोषणा की थी। इज़राइली प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर विशेष नक्शे के ज़रिए चेतावनी दी कि पोर्ट का क्षेत्र ख़तरे में है और जो लोग बचेँ रहेंगे, उन्हें जोखिम उठाना होगा।

हुडायदा पोर्ट के सम्बन्धित रिपोर्ट्स बताती हैं कि लगभग 12 हमले (air strikes) किये गए, जिनमें तीन डॉक (docks) विशेष रूप से शामिल थे, जो कि पिछले हमलों के बाद बहाल किए गए थे। हमले करीब 10 मिनट तक चले। हुडायदा पोर्ट एक महत्वपूर्ण रेड सी बंदरगाह है, जिसका सैन्य और मानवीय दोनों दृष्टिकोण से महत्व है।

होउथी विद्रोहियों ने कहा कि उन्होंने अपनी वायु रक्षा प्रणालियों (air defenses) को सक्रिय कर दिया है और दावा किया है कि इज़राइली विमानों को “काफी भ्रम” हुआ, कुछ विमानों को हमले करने से पहले ही यमन की वायु सीमा छोड़नी पड़ी। हालांकि, इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि हमले में कितने आतंरिक या नागरिकों को नुकसान हुआ है।


परिप्रेक्ष्य और चिंताएँ:

  1. रणनीतिक महत्व: हुडायदा बंदरगाह होउथी विद्रोहियों द्वारा हथियारों की आपूर्ति, विशेषकर ईरान से, के एक मुख्य मार्ग के रूप में देखा जाता है। इज़राइल इस आधार पर इस तरह के हमले कर रहा है कि इस आपूर्ति को बंद किया जाए।

  2. मानवता और निष्पक्षता: बंदरगाह जैसे क्षेत्र का हमले में शामिल होना अक्सर मानवीय संकटों को जन्म देता है, क्योंकि ऐसे पोर्ट अक्सर खाद्य, ईंधन और अन्य जरूरत की चीज़ों के परिवहन के लिए इस्तेमाल होते हैं। युद्धग्रस्त यमन में यह एक संवेदनशील पृष्ठभूमि है। अगर नागरिकों को चोट पहुँचे हों या आपूर्ति रुक गई हो, तो मानवीय सहायता प्रभावित हो सकती है। कुछ रिपोर्ट्स में यातायात में कमी आने और पोर्ट सुविधा में बाधा होने की बातें कही गई हैं।

  3. राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: इस हमले के बाद क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया हो रही है। होउथी विद्रोहियों ने हमले की निंदा की है और इज़राइल के उन दावों पर सवाल उठाए हैं कि पोर्ट को हथियारों के ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं इज़राइल ने कहा है कि यदि होउथी हमले जारी रखेंगे, तो उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी।

  4. वायु रक्षा प्रणाली की स्थिति: होउथी समूह ने दावा किया है कि उनकी एयर डिफेंस सिस्टम ने हमलो को कुछ हद तक विफल कर दिया, कुछ वायु वाहनों को अपने मिशन से लौटना पड़ा। यह संकेत है कि होउथी के पास सीमित लेकिन सक्रिय वायु रक्षा साधन हैं, जो इज़राइल की हवाई गतिविधियों के प्रति प्रतिरोध कर रहे हैं।

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