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अनंतनाग मेडिकल कॉलेज से AK-47 मिलने से मचा हड़कंप

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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार (8 नवंबर 2025) को एक चौंकाने वाली कार्रवाई करते हुए अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) से एक AK-47 राइफल बरामद की है। यह राइफल कॉलेज में तैनात डॉक्टर आदिल अहमद राथर के निजी लॉकर से मिली। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। शुरुआती जांच में पुलिस को शक है कि आदिल अहमद का संबंध आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से हो सकता है।

पुलिस के मुताबिक, आदिल अहमद राथर मूल रूप से कश्मीर के कुलगाम जिले का रहने वाला है। पिछले कुछ समय से वह GMC अनंतनाग में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया इनपुट मिला था कि वह कुछ संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूपी पुलिस की मदद से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से आदिल को गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कॉलेज में स्थित उसके लॉकर की तलाशी ली, जहां से एक AK-47 राइफल और कुछ कारतूस बरामद हुए।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह हथियार कॉलेज के अंदर कैसे पहुंचा और इसका इस्तेमाल किसी आतंकी साजिश के लिए तो नहीं किया गया। जांच इस बात पर भी केंद्रित है कि क्या आदिल किसी स्थानीय मॉड्यूल या बाहरी नेटवर्क से जुड़ा था। प्रारंभिक पूछताछ में उसने कुछ महत्वपूर्ण सुराग दिए हैं, जिन्हें गुप्त रखा गया है। फिलहाल पुलिस ने उस पर Arms Act और UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

इस घटना के सामने आने के बाद GMC अनंतनाग प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने कॉलेज परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की पुनर्समीक्षा शुरू कर दी है। पुलिस कॉलेज स्टाफ और छात्रों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या आदिल को किसी ने लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया था या वह अकेले इस गतिविधि में शामिल था। कॉलेज प्रशासन ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि “संस्थान में इस तरह का मामला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाएगा।”

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से आतंकवादी संगठन शिक्षा संस्थानों और सरकारी कर्मचारियों को अपने नेटवर्क में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना को उसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। अगर जांच में यह साबित होता है कि आदिल किसी आतंकी समूह से जुड़ा था, तो यह राज्य में सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।

पुलिस का कहना है कि इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि घाटी में आतंकवाद का खतरा अब केवल सीमावर्ती इलाकों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह समाज के संवेदनशील क्षेत्रों — जैसे शिक्षा और चिकित्सा — में भी अपनी जड़ें फैला रहा है।

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