
Al Falah University के संस्थापक Javad Siddiqi को मनी-लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया
एडी (Enforcement Directorate) ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी पर मनी-लॉड्रिंग और वित्तीय गड़बड़ियों के गंभीर आरोप लगाकर दिल्ली-एनसीआर में 25 स्थानों पर छापेमारी की है। जांच एजेंसी का मानना है कि यूनिवर्सिटी से जुड़े शेल कंपनियों के माध्यम से अवैध फंडिंग की गई हो सकती है। इसमें “व्हाइट-कलर टेरर मॉड्यूल” की संभावना पर भी दबाव है — यह वह मॉड्यूल है जिसे एजेंसियां हाल ही के रेड फोर्ट कार ब्लास्ट मामले से भी जोड़ रही हैं।
जावेद सिद्दीकी का एक पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी है: उन पर पहले ₹7.5 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप था और वे इससे जुड़े निवेश घोटाले में जेल भी जा चुके हैं। एजेंसियां उनका व्यापक कॉरपोरेट नेटवर्क, वित्तीय लेन-देन का हिसाब और यूनिवर्सिटी के शासन-प्रशासन पर करीब से नजर रख रही हैं।
साथ ही, उनके भाई हमूद अहमद सिद्दीकी को भी गिरफ्तार किया गया है — उन पर 25 साल पहले मध्य प्रदेश (महू) में एक बड़े वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप था।
यह पूरा मामला सिर्फ आर्थिक घोटाले तक सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के सवालों को भी जन्म दे सकता है, क्योंकि एजेंसियां यह देख रही हैं कि कहीं ये फंड आतंकवादी नेटवर्क में तो नहीं लगाए गए थे।



