क्रिकेट जगत में इन दिनों मुख्य चर्चा का विषय है—भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज मोहम्मद शामी और भारतीय चयन समिति के अध्यक्ष अजित आगरकर के बीच बनी खाई। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली एकदिवसीय श्रृंखला (ODI series) के लिए भारत की टीम चयन को लेकर दोनों पक्षों की बयानबाज़ी ने प्रशंसकों और विशेषज्ञों को विभाजित कर दिया है।
शामी ने इस चयन निर्णय पर अपनी नाराजगी स्पष्ट की है। उन्होंने यह कहा कि यदि वह फिट हैं तो चयन समिति को उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी महसूस किया कि उन्होंने बंगाल की रणजी ट्रॉफी टीम के लिए खेलकर अपनी फिटनेस साबित की है, इसलिए यह चयन न होने का निर्णय उनके लिए अनपेक्षित और अन्यायपूर्ण है।
दूसरी ओर, अजित आगरकर ने इस विवाद को नियंत्रित करने की कोशिश की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चयनकर्ताओं का फैसला फिटनेस की स्थिति पर आधारित है। यदि किसी खिलाड़ी का स्वास्थ्य या समयबद्ध प्रतिस्पर्धात्मक प्रदर्शन ठीक नहीं हो, तो चयन करना संभव नहीं है। आगरकर ने कहा कि उन्होंने शामी के साथ कई बार बातचीत की है और उनकी फोन हमेशा खिलाड़ियों के लिए खुली रहती है।
आगरकर का यह कहना है कि “अगर शामी फिट होते, तो उन्हें टीम में रखा जाता।” उन्होंने यह भी कहा कि पिछले छह–आठ महीनों में चयन समिति ने देखा कि शामी लगातार फिट नहीं रहे हैं, और इसलिए उन्हें इंग्लैंड दौरे या ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के लिए चुना नहीं गया।
इस विवाद ने चयन प्रक्रिया, फिटनेस रिपोर्टिंग और खिलाड़ियों तथा चयनकर्ताओं के बीच संवाद की अपर्याप्तता पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। शामी की स्थिति और वे कैसे आगे बढ़ेंगे, यह अब इस घरेलू सीज़न में उनकी प्रदर्शन और स्वास्थ्य की स्थिरता पर निर्भर करेगा।
