
राष्ट्रीय राजमार्ग पर Indian Air Force के ‘जगुआर’ व ‘सु-30’ लड़ाकू विमान का विंग-मेकटेकऑफ
राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में राष्ट्रीय सुरक्षा की तैयारियों का एक नया अध्याय आज खुला। Indian Air Force ने National Highway 925A (जिसे आम रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग कहा जाता है) के एक विशेष हिस्से को आपातकालीन वायुक्षेत्र के रूप में इस्तेमाल करते हुए अपने लड़ाकू विमान—SEPECAT Jaguar व Sukhoi Su‑30MKI—की टेकऑफ का सफल अभ्यास किया है। यह स्ट्रेच लगभग 3 किलोमीटर लंबी व करीब 33 मीटर चौड़ी बताई जा रही है, और यह भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है।
इस अभ्यास की पृष्ठभूमि में विस्तार से देखेंगे तो यह स्पष्ट है कि यह सिर्फ एक विमानों का शो नहीं बल्कि सीमांत सुरक्षा एवं त्वरित उत्तरदायी सैन्य क्षमता विकसित करने का प्रयास है। राजमार्ग का यह हिस्सा सामान्य यातायात के लिए है लेकिन अभ्यास के समय इसे पूरी तरह बंद कर विमान संचालन के लिए समर्पित बनाया गया — इससे यह पता चलता है कि संकट या युद्ध की स्थिति में अस्थायी रनवे के रूप में राजमार्ग का उपयोग किया जा सकता है।
इस कार्यक्रम से कई महत्वपूर्ण संकेत मिलते हैं:
सीमांत इलाकों में अशांत परिस्थिति या अचानक सुरक्षा चुनौतियों के समय, विमान udal-take-off एवं लैंडिंग की सुविधा सीधे राजमार्ग से संभव हो सकेगी।
राजमार्ग और रक्षा-बुनियाद (infrastructure) को एकीकृत करने की रणनीति सक्रिय रूप से लागू हो रही है — सड़क-वायु दोनों मोर्चे पर तैयारियाँ तेज हैं।
इस प्रकार के अभ्यास से सामरिक रवैया बदल रहा है — पहले जहाँ विमान मुख्य एयरबेस या रनवे पर ही निर्भर थे, अब असाधारण परिस्थितियों में विकल्प तैयार किए जा रहे हैं।
जनता व स्थानीय प्रशासन का रोल भी महत्वपूर्ण हो जाता है — क्योंकि राजमार्ग को अस्थायी रनवे में बदलने के लिए यातायात बंद करना, सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाना और स्थानीय निवासियों को सहयोग देना पड़ता है।
हालाँकि इस तरह के अभ्यास के साथ चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं। राजमार्ग को रनवे में बदलना bedeutet करता है कि उस हिस्से की सतह, आसपास की संरचनाएं (उदाहरण के लिए प्राथमिक अड़चनें, बिजली-लाइन, पेड़-पौधे) विमान संचालन के लिहाज से सुरक्षित हों। इस अभ्यास में शायद इन्हीं बातों का परीक्षण किया गया है।



