
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में देर रात हुए एक जोरदार धमाके ने पूरे क्षेत्र को दहशत में डाल दिया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह धमाका कथित तौर पर पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक के कारण हुआ, जिसका लक्ष्य था तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का सरगना नूर वली मेहसूद। हालांकि अभी तक पाकिस्तान या अफगानिस्तान दोनों ही देशों की ओर से इस हमले की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों का दावा है कि हमला अत्यंत सटीक और योजनाबद्ध था।
सूत्रों के अनुसार, यह एयरस्ट्राइक काबुल के अब्दुल हक चौक इलाके में की गई, जहां से देर रात कई धमाकों की आवाजें सुनी गईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि “रात करीब 11 बजे आसमान से धमाकों की आवाजें आईं, और कुछ ही मिनटों में पूरा इलाका धुएं से भर गया।” कहा जा रहा है कि यह इलाका TTP के ठिकानों में से एक था और वहां कई विदेशी लड़ाके भी मौजूद थे।
अफगान तालिबान प्रशासन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि “काबुल में विस्फोट हुआ है और सुरक्षा बल मौके पर पहुंच चुके हैं।” हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह हमला किसने किया। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा कि “घटना की जांच चल रही है और जल्द ही तथ्यों को साझा किया जाएगा।”
दूसरी ओर, पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस्लामाबाद के सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई “पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में” की गई। बताया जा रहा है कि नूर वली मेहसूद पिछले कुछ महीनों से अफगानिस्तान में छिपा हुआ था और पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी गतिविधियों की साजिश रच रहा था।
कौन है नूर वली मेहसूद?
नूर वली मेहसूद को TTP (Tehrik-e-Taliban Pakistan) का सबसे खतरनाक चेहरा माना जाता है। वह 2018 में संगठन का प्रमुख बना था, जब मौलाना फजलुल्लाह की मौत हो गई थी। मेहसूद ने TTP की रणनीति को संगठित और केंद्रीकृत किया तथा पाकिस्तान के कई हिस्सों—खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और इस्लामाबाद—में आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली। पाकिस्तान लंबे समय से अफगानिस्तान पर आरोप लगाता रहा है कि TTP को वहां शरण दी जा रही है।
अगर यह हमला वास्तव में पाकिस्तान द्वारा किया गया है और नूर वली मेहसूद मारा गया है, तो यह इस्लामाबाद के लिए बड़ी सैन्य सफलता मानी जाएगी। हालांकि, इसका असर अफगानिस्तान-पाकिस्तान संबंधों पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। अफगान तालिबान सरकार पहले ही कई बार चेतावनी दे चुकी है कि उसके क्षेत्र में किसी भी देश द्वारा की गई एयरस्ट्राइक को संप्रभुता का उल्लंघन माना जाएगा।
इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और अविश्वास और बढ़ गया है। अफगान सोशल मीडिया पर लोग इसे “पाकिस्तान का दुस्साहस” बता रहे हैं, जबकि पाकिस्तानी विश्लेषक इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यक कार्रवाई” कह रहे हैं।
फिलहाल, काबुल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सभी राजनयिक मिशनों को सतर्क रहने को कहा गया है। अफगान प्रशासन ने कहा है कि वे “इस हमले के स्रोत और उद्देश्य की पूरी जांच करेंगे”।