जब Sri Lanka बाढ़-तूफान की चपेट में था, और देश की जनता राहत तथा सहायता की उम्मीद में थी, तभी Pakistan की ओर से भेजी गई राहत सामग्री में ‘समाप्त हो चुकी’ (expired) वस्तुएँ पाई गईं। इस घटना की जानकारी तब सामने आई जब पाकिस्तान के वहां दूतावास द्वारा भेजी गई राहत सामग्री की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं। शुरुआत में यह एक मदद का पैकेज दिखा — लेकिन तस्वीरों की बारीकी से समीक्षा करने पर पता चला कि पैकेट अगस्त 2022 में बनाए गए थे, और उनकी उपयोग-मियाद अगस्त 2024 तक ही थी। यह स्पष्ट है कि अब उन पैकेटों का इस्तेमाल सुरक्षित रूप से नहीं किया जा सकता था।
दूसरे शब्दों में — संकट की घड़ी में, जब जीवन बचाने और राहत देने की जिम्मेदारी थी — पाकिस्तान ने ऐसे सामान भेज दिये जो खुद ‘समाप्त’ हो चुके थे। और यह कोई मामूली भूल नहीं थी, बल्कि यह एक तरह की धोखेबाज़ी और दिखावे-भरी “सहायता” थी। राहत भेजने के नाम पर की गई इस हरकत को कई लोगों ने मानवता और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिहाज़ से अपमानजनक बताया।
श्रीलंका की बाढ़, जो हाल ही में आये तूफान Cyclone Ditwah के परिणामस्वरूप आयी थी, इस दशक की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक मानी जा रही है। 28 नवंबर 2025 से शुरू हुआ तूफान और भारी बारिश ने 25 जिलों में 10 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया। अब तक 355 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 366 लोग लापता हैं। लाखों लोग बेघर हुए हैं, हजारों परिवार विस्थापित हुए हैं, और फसल-भूमि, घर-सड़कें पानी में डूब चुकी हैं।
इस बीच, मानवीय सहायता भेजने के दावे के बावजूद, पाकिस्तान की यह ‘राहत’ असल में आत्म-शर्मनाक निकली। राहत सामग्री भेजने वाले उसके दूतावास ने तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा था कि पाकिस्तान “हमेशा” श्रीलंका के साथ खड़ा है। मगर तस्वीरों ने उसकी असलियत उजागर कर दी — मदद भेजने का दिखावा, लेकिन পুরानी और बेकार सामान।
