पनवेलः मुंबई के आस-पास स्थित पनवेल की एक आवासीय सोसायटी में एक ऐसे विवाद का मामला सामने आया है, जिसने भाषा को लेकर गहराई से झलके तनाव को फिर से सतह पर ला दिया। जानकारी के अनुसार, एक निवासी ने सार्वजनिक रूप से कहा, “मैं मराठी नहीं बोलूंगा,” — यह बयान स्थानीय भाषा और पहचान को लेकर अलगाव को और बढ़ावा देता दिख रहा है।
हालांकि अभी तक इस घटना के विस्तृत विवरण उपलब्ध नहीं हैं—कैसी बातचीत हुई, किस संदर्भ में यह बात कही गई, और कौन-कौन शामिल थे—लेकिन इस एक बयान ने ही सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर व्यापक प्रतिक्रिया जगाई है।
पनवेल जैसा क्षेत्र, जो अपनी मिश्रित आबादी और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है, ऐसे विवाद काफी संवेदनशील हो सकते हैं। मराठी भाषा लाखों लोगों की सांस्कृतिक पहचान और भावनाओं की प्रतीक है, और ऐसे बयान इसे चुनौती देते हैं।
राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर भी भाषा को लेकर लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार समेत कई नेताओं ने सार्वजनिक मंच से कहा है कि मराठी का अपमान या जबरदस्ती अस्वीकार्य है—लेकिन साथ ही, उन्होंने संवाद और सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व का पालन करने की भी अपील की है।
