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विज्ञापन जगत के शिखरस्थल्पुंज पियूष पांडे का निधन — “अब की बार मोदी सरकार” से लेकर भारतीय ब्रांडिंग तक का सफर

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विज्ञापन जगत में आज एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। भारत के विज्ञापन उद्योग के प्रणेता पियूष पांडे का आज 70 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। विस्तृत विवरण बताते हैं कि वे किस तरह भारतीय विज्ञापन-दुनिया को नया स्वर, नई दिशा और दिलचस्प पहचान देने वाले रहे।

पियूष पांडे ने करीब चार दशकों से अधिक समय तक सक्रिय रहकर इस क्षेत्र में ‘भारतीयता’ और ‘लोक-भावना’ को ऐसी रचना दी कि विज्ञापन सिर्फ ब्रांड का संदेश नहीं बल्कि जन-संवाद का माध्यम बन गया। उन्होंने अपने करियर में कई प्रसिद्ध और यादगार अभियानों का नेतृत्व किया — जैसे कि ब्रांडों के लिए रचे गए स्लोगन, टीवी-विज्ञापन, सामाजिक जागरूकता अभियान।

विशेषकर राजनीतिक अभियान के क्षेत्र में भी पांडे ने एक अहम भूमिका निभाई — उन्हें उस मशहूर स्लोगन “अब की बार, मोदी सरकार” का जनक माना जाता है। इस स्लोगन ने न सिर्फ एक राजनीतिक अभियान को पहचान दी, बल्कि विज्ञापन-रणनीति के दृष्टिकोण से नए आयाम स्थापित किए।

उनकी मृत्यु का कारण एक गंभीर संक्रमण था, जिससे वे कुछ समय से जूझ रहे थे। उनके निधन पर उद्योग जगत, सहकर्मी, सोशल-मीडिया पर शोक व्यक्त कर रहे हैं।


उनका सफर और विरासत

पियूष पांडे का करियर इस प्रकार था कि उन्होंने सिर्फ विज्ञापन बनाने का काम नहीं किया — उन्होंने भारतीय विज्ञापन को “भारत-स्वर” दिया।

उनकी इस विरासत का मतलब यह है कि विज्ञापन एक ऐसी कला-शाखा बन गई जिसने सिर्फ उत्पाद बेचने तक सीमित नहीं रही — वह विचार, भाव, संस्कृति और पहचान बन गई।


शोक और प्रतिक्रिया

उनके निधन की खबर ने विज्ञापन-सह अन्य रचनात्मक क्षेत्र को गहरे में झकझोर दिया है। अनेक उद्योग-नेता, कलाकार और सहकर्मी सोशल मीडिया पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री) ने भी इस दुखद अवसर पर ट्वीट कर लिखा, “श्री पियूष पांडे जी रचनात्मकता के लिए प्रशंसित थे। उन्होंने विज्ञापन व संचार की दुनिया में अभूतपूर्व योगदान दिया…”


इसके बाद का असर और भविष्य

पियूष पांडे के जाने से भारतीय विज्ञापन-उद्योग एक युग-परिवर्तन का सामना कर रहा है। जहां अब युवा रचनाकारों को चुनौती है कि वे उनके बनाए सफर को आगे ले जाएँ — भारतीयता, भाव-संगति और जनसंवाद को नए युग में प्रभावी ढंग से कायम रखें।

यह विरासत आने वाले समय में निम्नलिखित रूप से असर करेगी:

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