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ASEAN शिखर सम्मेलन में नहीं जाएंगे पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

ASEAN summit Jaishankar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार मलेशिया में होने वाले ASEAN शिखर सम्मेलन 2025 में भाग नहीं लेंगे। यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी है। बताया गया है कि प्रधानमंत्री का यह फैसला व्यस्त घरेलू कार्यक्रमों और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकताओं के चलते लिया गया है। इस सम्मेलन में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर प्रतिनिधित्व करेंगे।

ASEAN (Association of Southeast Asian Nations) शिखर सम्मेलन एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण मंचों में से एक है, जिसमें भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, चीन और ASEAN देशों के नेता क्षेत्रीय सहयोग, व्यापार, सुरक्षा और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। इस वर्ष का सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर तक मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित किया जा रहा है।

हालाँकि प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से इस बैठक में शामिल नहीं होंगे, लेकिन सूत्रों के अनुसार वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या वर्चुअल मोड से संबोधन कर सकते हैं। भारत के लिए यह सम्मेलन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का अहम मंच है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर की उपस्थिति इस बात का संकेत देती है कि भारत ASEAN देशों के साथ अपने संबंधों को लेकर गंभीर है और प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति के बावजूद उच्च स्तरीय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। जयशंकर इस शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय मुलाकातें भी कर सकते हैं, जिनमें मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चाएं शामिल हो सकती हैं।

कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार ASEAN सम्मेलन में दक्षिण चीन सागर विवाद, इंडो-पैसिफिक सुरक्षा ढाँचा, व्यापार सहयोग, और भारत-म्यांमार सीमा सुरक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। भारत की दृष्टि से यह बैठक इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का संतुलन बनाने की दिशा में भी अहम मानी जा रही है।

पिछले वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने कई ASEAN और East Asia Summits में भाग लिया है और भारत की ओर से “समावेशी और स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक” की नीति को आगे रखा है। इस बार उनके न जाने के बावजूद, भारत की विदेश नीति की निरंतरता बनाए रखने का जिम्मा जयशंकर संभालेंगे।

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