
"क्या कतर के पास इजरायली हमले का जवाब देने की सैन्य क्षमता है?"
इजरायल द्वारा हाल ही में दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए एयर स्ट्राइक ने खाड़ी क्षेत्र में तनाव और सुरक्षा बहस को और गहरा कर दिया है। सवाल उठ रहा है कि क्या कतर, जिसकी गिनती आर्थिक रूप से समृद्ध लेकिन सैन्य रूप से सीमित देशों में होती है, इजरायल जैसे शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी का सैन्य जवाब देने में सक्षम है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार, इजरायल दुनिया की 15वीं सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है, जबकि कतर 62वें स्थान पर है। जनशक्ति की बात करें तो इजरायल के पास करीब 6.3 लाख सैनिक हैं, जबकि कतर के पास केवल 66,000 के आसपास ही सैन्य बल है। इसी तरह वायुसेना में भी इजरायल के पास 600 से ज्यादा आधुनिक लड़ाकू विमान हैं, जबकि कतर के पास 150 के आसपास ही विमान हैं। थल और नौसेना क्षमताओं में भी कतर इजरायल से काफी पीछे है। हालांकि, कतर ने हाल के वर्षों में राफेल, यूरोफाइटर टाइफून और अमेरिकी F-15QA जैसे अत्याधुनिक विमानों के साथ अपनी वायुसेना को मजबूत किया है और उसके पास पैट्रियट व NASAMS जैसे एयर डिफेंस सिस्टम भी मौजूद हैं, लेकिन ये मुख्यतः रक्षात्मक हैं। इजरायल के पास न केवल आधुनिक हथियार और आयरन डोम जैसी मिसाइल रक्षा प्रणाली है, बल्कि दशकों का युद्ध अनुभव भी है। वहीं, कतर का सैन्य अनुभव सीमित है और वह अब तक शांति अभियानों या क्षेत्रीय सहयोग तक ही सीमित रहा है। ऐसे में स्पष्ट है कि कतर के लिए सीधे सैन्य जवाब देना व्यावहारिक नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि कतर की सबसे बड़ी ताकत उसकी कूटनीतिक भूमिका, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभाव और मीडिया नेटवर्क जैसे अल-जज़ीरा हैं। यही कारण है कि कतर ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक मंचों पर शिकायत दर्ज कराने का रास्ता चुना है। सैन्य टकराव की बजाय कतर क्षेत्रीय समर्थन जुटाकर और कूटनीतिक दबाव बनाकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।



