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ईडी ने सत्येंद्र जैन से जुड़ी कंपनियों की ₹7.44 करोड़ की संपत्ति कुर्क की; धन शोधन-केस में कार्रवाई तेज़

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत एक और बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन से जुड़ी कुछ कंपनियों की ₹7.44 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है।

यह कार्रवाई 15 सितंबर, 2025 को की गई थी, जब ED ने संबंधित कंपनियों की उन अचल संपत्तियों की प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी की जो कथित तौर पर सत्येंद्र जैन के स्वामित्व और नियंत्रण में हैं।

यह मामला सीबीआई द्वारा 2017 में दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए (14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017) आय से ज़्यादा संपत्ति अर्जित की। पहले भी मार्च 2022 में, ED ने इस मामले में ₹4.81 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क किया था।

ED ने यह भी बताया है कि नवंबर 2016 में, विमुद्रीकरण (demonetisation) के बाद, सत्येंद्र जैन के करीबी सहयोगियों अंकुश जैन और वैभव जैन ने बैंक ऑफ बड़ौदा की भोगल शाखा में आय प्रकटीकरण योजना (IDS), 2016 के अंतर्गत ₹7.44 करोड़ नकद अग्रिम कर (advance tax) के रूप में जमा किया था। ये जमा-राशि उन चार कंपनियों के नामों पर हुई थी, जिनका मालिकाना हक और नियंत्रण जांच में सत्येंद्र जैन के पास पाया गया।

आयकर विभाग और दिल्ली हाई कोर्ट ने अंकुश जैन और वैभव जैन को सत्येंद्र जैन के बेनामी धारक (benami holders) माना था, और इस निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी याचिकाएँ खारिज कर के अंतिम रूप दिया है।

अब इस कार्रवाई के साथ अब तक कुल कुर्क की गई संपत्ति का मूल्य लगभग ₹12.25 करोड़ हो गया है — जिसमें अब पुरानी और नई कुर्क की गई राशियाँ सम्मिलित हैं।

प्रक्रिया अब रॉज़ एवेन्यू कोर्ट, नई दिल्ली में चल रही है, और ED जल्द ही इस मामले में पूरक अभियोजन शिकायत (supplementary prosecution complaint) दाखिल करने की योजना बना रही है।

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