नवाबगंज (गोंडा) सरयू नदी तबाही मचाने के बाद अब नदी का जलस्तर में काफी गिरावट आई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बृहस्पतिवार के अपराह्न तीन बजे नदी का जल स्तर 92.640 मी दर्ज किया गया जोकि खतरे के निशान से नौ सेमी नीचे रहा।नदी का जलस्तर घटने के तटीय इलाकों में कटान तेज हो गई है। सरयू नदी की कटान नें ढेमवाघाट मार्ग की दो सौ मीटर की सड़क को अपनी चपेट में ले लिया है।कटान से सत्तर फीसदी सड़क नदी में समाहित हो चुकी है।नदी के कटान को देखते हुए प्रशासन के द्वारा नवाबगंज-ढेमवाघाट मार्ग पर बड़े वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। दो पहिया वाहन चल रहे हैं लेकिन जिस तरह से सड़क कट रही है उससे दो पहिया वाहनों पर कभी भी रोक लगाई जा सकती है। बची हुई सड़क को बचाने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है। बाढ़ खंड के कर्मचारी बोरी में ईंट व मिट्टी भर कर कटान को रोकने के प्रयास में लगे हैं। लेकिन अगर नदी का कटान जारी रहा तो एक से दो दिन में नदी सड़क को काट कर पार कर जाएगी। नदी का जलस्तर घटने के बावजूद सरयू का तांडव जारी है। बाढ़ और कटान के चपेट में आए माझा क्षेत्र में हाहाकार मचा है। बाढ़ की चपेट में आए किसानों के हजारों हेक्टेयर फसलें एकदम से चौपट हो गई है। गांव अभी भी पानी से घिरे होने तथा कटान के चलते लोग परेशान हैं। नदी के कटान से क्षेत्र के दर्जनों घरों के अस्तित्व पर खतरा म़डरा रहा है। कटान से कई गांवों का संपर्क मार्ग कट गया है।
नदी के जलस्तर में कमी आनें से तटीय इलाकों में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। गांव में जगह-जगह पानी के भरे होने तथा कीचड़ से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। जिससे डेंगू, मलेरिया जैसे तमाम संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बढ़ गया है।
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सरयू नदी तबाही मचाने के बाद अब नदी का जलस्तर में काफी गिरावट
