
भारत में एक बार फिर कोविड-19 का खतरा मंडराने लगा है। देश में कोविड के दो नए सब-वैरिएंट्स – NB.1.8.1 और LF.7 – के मामले सामने आए हैं, जिनकी संक्रमण दर काफी तेज़ मानी जा रही है। हालाँकि अब तक अधिकतर मामलों में लक्षण हल्के हैं, लेकिन विशेषज्ञों ने सतर्कता बरतने की सख्त आवश्यकता जताई है।
🔬 क्या कहती है रिपोर्ट:
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, NB.1.8.1 और LF.7 वैरिएंट्स Omicron के उपप्रकार हैं। ये वैरिएंट्स दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों से शुरू होकर अब अन्य राज्यों तक फैल रहे हैं।
- लक्षण: गले में खराश, हल्का बुखार, नाक बंद, थकान, खांसी और कुछ मामलों में पेट संबंधी असुविधा।
- संक्रमण की दर: इन वैरिएंट्स की ट्रांसमिसिबिलिटी (संक्रमण फैलाने की क्षमता) अधिक पाई गई है।
- गंभीरता: अधिकांश मामलों में अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं पड़ी है।
📊 आंकड़े:
- सक्रिय केस (2 जून 2025 तक): 3,961
- मृत्यु संख्या: 7 (जिनमें से अधिकांश को पूर्व स्वास्थ्य समस्याएं थीं)
- प्रभावित राज्य: महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, दिल्ली
🩺 विशेषज्ञों की राय:
डॉ. आर. नागराजन (AIIMS) का कहना है:
“हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन इन वैरिएंट्स की तेज़ संक्रमण दर को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। वैक्सीनेशन और मास्क ही सबसे कारगर उपाय हैं।”
📢 सरकार की सलाह:
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना
- भीड़-भाड़ से बचना
- बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सतर्कता
- किसी भी लक्षण पर तुरंत कोविड टेस्ट करवाना
⚠️ निष्कर्ष:
हालांकि कोरोना के ये नए वैरिएंट घातक नहीं दिख रहे, पर तेज़ी से फैलने की उनकी क्षमता चिंता का कारण है। सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां पूरी सतर्कता बरत रही हैं। नागरिकों से अनुरोध है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और लापरवाही न करें।