
रिलायंस जियो ने टेलीकॉम उद्योग में एक बड़ा ऐतिहासासिद्धि हासिल कर ली है — कंपनी अब 50 करोड़ (500 मिलियन) से अधिक सब्सक्राइबर के स्तर को पार कर चुकी है। साथ ही, इस बढ़त ने कंपनी की औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (ARPU) को भी ऊँचा खींचा है, और यह अब लगभग ₹211.4 प्रति उपयोगकर्ता हो गया है।
यह जानकारी 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2) की रिपोर्ट में सामने आई। कंपनी ने इस तिमाही में लगभग 8.3 मिलियन नए मोबाइल उपयोगकर्ता जोड़े, जिससे कुल सब्सक्राइबर संख्या 506.4 मिलियन तक पहुँच गई। यह वृद्धि विशेष रूप से मोबिलिटी सेवाओं और फिक्स्ड ब्रॉडबैंड, जैसे JioAirFiber और 5G नेटवर्क के प्रसार द्वारा प्रेरित बताई गई है।
ARPU में हुई यह वृद्धि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में ₹195.1 से लगभग 8.4% की सालाना बढ़ोतरी को दर्शाती है। इस उछाल का मुख्य कारण कहा गया है कि उपयोगकर्ताओं की इकाई पर अधिक डेटा उपयोग, प्रीमियम योजनाओं की ओर संक्रमण, और 5G सेवाओं का विस्तार है।
वित्तीय दृष्टि से, जियो की यह सफलता अपने राजस्व और मुनाफे पर भी असर दिखा रही है। कंपनी की परिचालन आय (Revenue from operations) इस तिमाही में लगभग ₹36,332 करोड़ रही, साथ ही नेट मुनाफा 13% की वृद्धि के साथ ₹7,379 करोड़ तक पहुँचा। इसके अलावा, कंपनी की परिचालन मुनाफे (EBITDA) में भी वृद्धि दर्ज की गई है।
विश्लेषकों का मानना है कि जियो की यह सफलता उसे न केवल भारत में बल्कि ग्लोबल टेलीकॉम-डिजिटल परिदृश्यों में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी। 50 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं के बेस के साथ, कंपनी को बड़े पैमाने पर डेटा खपत, नेटवर्क परिचालन और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रबंधन की चुनौतियाँ भी मिलेंगी — लेकिन यदि इसमें संतुलन बना रहा, तो यह एक दीर्घकालीन लाभदायक मॉडल सिद्ध हो सकती है।



