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गोण्डा में किसानों की टूटी आस, सूखी नहरों ने किया निराश

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सरयू नहर परियोजना के तहत गोण्डा जिले में तकरीबन पौने तीन सौ से अधिक नहर हैं। जो किसानों को विभिन्न फसलों की सिंचाई के लिए समय-समय पर संचालित की जाती हैं। जिले की कई नहरें ऐसी हैं जिनमें बरसों से पानी नहीं आया । इससे उन क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसानों का कहना है कि कई बार विभाग के अधिशासी अभियंताओं से मिलकर अपनी व्यथा बताई गई किंतु ध्यान नहीं दिया गया। पानी न आने से नहरों से खेतों की सिंचाई सपना बन गई है किसानों का कहना है कि जब पानी की जरूरत रहती है तब नहरों में पानी नहीं रहता है। ऐसे समय में पानी छोड़ा जाता है कि जब पानी की जरूरत ही नहीं रहती है। किसानों ने कहा कि बरसात के मौसम में जब चारों तरफ पानी लबालब भरा रहता है तब सिंचाई विभाग नहरों में पानी छोड़ता है। इस समय सिंचाई के लिए गन्ने, सब्जी, तथा जानवरों के चारे की फसलें लगी हैं जिनको इस समय सिंचाई की अत्यधिक आवश्यकता है । अत्यधिक धूप होने के कारण खेत जल्दी सूख जाते हैं परंतु नहरों में पानी न होने के कारण नहरों से खेतों की सिंचाई मात्र सपना बनकर रह गई है इस समय गर्मी के मौसम में जानवरों को पानी पीने के लिए कहीं उपलब्ध नहीं है क्योंकि छोटे तालाब सूख चुके हैं ऐसे में पंछियों और जानवरों को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है ।

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