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केंद्र सरकार और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के सहयोग से FASTag को अब टोल टैक्स से आगे बढ़ाकर एक मल्टीपर्पस डिजिटल पेमेंट टूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। अब इसका उपयोग पार्किंग शुल्क, ट्रैफिक चालान, वाहन बीमा प्रीमियम और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग जैसी सेवाओं में भी किया जा सकेगा।
पार्किंग फीस का भुगतान
देश के कई एयरपोर्ट्स और मॉल्स में FASTag-आधारित पार्किंग पेमेंट सिस्टम की शुरुआत हो चुकी है।
- हैदराबाद एयरपोर्ट, दिल्ली-एनसीआर के मेट्रो स्टेशनों और बड़े कॉमर्शियल मॉल्स में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।
- गाड़ियों के एंट्री और एग्जिट पर ऑटोमेटिक स्कैनिंग से पार्किंग चार्ज सीधे FASTag वॉलेट से कट जाता है।
ई-चालान भरना भी आसान
अब FASTag से ट्रैफिक ई-चालान का भुगतान भी संभव हो गया है।
- चालान जारी होते ही लिंक्ड FASTag अकाउंट से राशि काटी जा सकती है।
- इससे न समय बर्बाद होगा, न जुर्माना बढ़ेगा।
इंश्योरेंस प्रीमियम पर असर
बीमा कंपनियां FASTag के जरिए ड्राइविंग पैटर्न और वाहन के उपयोग का डेटा एनालाइज़ कर सकती हैं।
- इससे रिन्यूअल या नया प्रीमियम पॉलिसी का मूल्यांकन और पारदर्शी हो जाएगा।
- बेहतर ड्राइविंग करने वालों को डिस्काउंट भी मिल सकता है।
EV चार्जिंग और फ्यूल पेमेंट में भी FASTag
कुछ EV चार्जिंग स्टेशनों और पेट्रोल पंपों पर भी FASTag पेमेंट की सुविधा शुरू की जा रही है।
- वाहन मालिक चार्जिंग पॉइंट पर बिना किसी अतिरिक्त ऐप या वॉलेट के सीधे भुगतान कर सकेंगे।
- इसे “FASTag 2.0” की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
लाभ और सुरक्षा
- सुविधाजनक: एक टैग से कई भुगतान
- सुरक्षित: नकद या कार्ड की जरूरत नहीं
- तेज़: रियल-टाइम SMS और ट्रांजैक्शन अपडेट
- एकीकृत सिस्टम: ट्रैकिंग और रिकॉर्ड रखना आसान
ध्यान रखने योग्य बातें
- FASTag खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें
- रजिस्टर मोबाइल नंबर अपडेट रखें
- किसी विवाद की स्थिति में बैंक या FASTag प्रदाता से तत्काल संपर्क करें