
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में क्वाड (QUAD) देशों की विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। यह बैठक 1 जुलाई को हुई और जयशंकर 30 जून से 2 जुलाई तक अमेरिका दौरे पर थे। इस बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री मारको रुबियो ने उनका खासतौर पर स्वागत किया और उन्हें मजाकिया अंदाज़ में “बहुत व्यस्त आदमी” कहकर पुकारा। इस हल्की-फुल्की टिप्पणी के जरिए उन्होंने जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता और व्यस्त कार्यक्रमों की तारीफ भी की।
मारको रुबियो ने बैठक के दौरान कहा कि एस. जयशंकर इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें वक्त निकालकर यहां आना पड़ा। इस बात पर सभी देशों के प्रतिनिधि मुस्कुरा दिए। यह टिप्पणी दिखाती है कि भारतीय विदेश मंत्री वैश्विक मंचों पर कितने सक्रिय हैं और भारत की भूमिका कितनी अहम मानी जा रही है।
क्या है क्वाड बैठक का महत्व
क्वाड यानी Quadrilateral Security Dialogue एक रणनीतिक मंच है जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इसका मकसद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और कानून के शासन को मजबूत करना है। इस बैठक में चारों देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने, समुद्री सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखलाओं की मजबूती, क्लीन एनर्जी, टेक्नोलॉजी सहयोग और महामारी के बाद की तैयारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
जयशंकर की बैठक में भूमिका और संदेश
एस. जयशंकर ने बैठक में कहा कि “किसी भी रिश्ते में चुनौतियां होती हैं, लेकिन अहम यह है कि हम उन्हें कैसे हल करें।” उन्होंने क्वाड देशों के बीच भरोसे, संवाद और सहयोग को गहरा करने की बात कही।
अमेरिकी विदेश मंत्री मारको रुबियो के साथ उनकी अलग से द्विपक्षीय मुलाकात भी हुई। इसमें भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने, रक्षा और तकनीकी सहयोग बढ़ाने, वैश्विक दक्षिण (Global South) के मुद्दों पर सहयोग करने और आपसी व्यापार को प्रोत्साहित करने पर चर्चा हुई।
अमेरिका का नजरिया और रुबियो का बयान
मारको रुबियो ने जयशंकर की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक बेहद व्यस्त नेता हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने यह बैठक प्राथमिकता दी। इससे यह संदेश जाता है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते कितने अहम हैं।
रुबियो ने कहा कि अमेरिका इंडो-पैसिफिक में साझेदारी को लेकर प्रतिबद्ध है और भारत उसके लिए एक अनिवार्य सहयोगी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि भारत के साथ मिलकर क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती दी जाए।
भारत के लिए क्या मायने रखती है यह बैठक
- भारत ने साफ किया कि वह क्वाड को सैन्य गठबंधन नहीं बनाना चाहता बल्कि एक ऐसा मंच चाहता है जो क्षेत्र में कानून के शासन और विकास के लिए सहयोग करे।
- भारत के लिए यह मंच चीन की आक्रामकता का जवाब देने के साथ-साथ अपनी वैश्विक भूमिका बढ़ाने का अवसर है।
- एस. जयशंकर की अमेरिका यात्रा ने दिखाया कि भारत अमेरिका के साथ रणनीतिक रिश्ते और गहरे करना चाहता है, लेकिन अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखते हुए।
कुल मिलाकर, यह यात्रा और बैठक भारत की एक्टिव और आत्मविश्वासी विदेश नीति का हिस्सा है। एस. जयशंकर को अमेरिकी विदेश मंत्री द्वारा ‘बहुत व्यस्त आदमी’ कहना उनकी कूटनीतिक सक्रियता और भारत की वैश्विक बढ़ती भूमिका की स्वीकृति जैसा माना जा सकता है।