
गाज़ा और इज़राइल के बीच जारी संघर्ष के बीच आई एक नई घटना ने ट्रंप के शांति प्रस्ताव की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर दिया है। एबीपी लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, 9 अक्टूबर की रात इज़राइल ने गाज़ा सिटी में एक बड़ा हवाई हमला किया। यह हमला उस समय हुआ जब इज़राइल की कैबिनेट ट्रंप की “गाज़ा शांति योजना” पर मतदान के लिए बैठक कर रही थी।
रिपोर्ट के अनुसार, हमले की चपेट में सबरा इलाके की एक बहुमंजिला इमारत आई, जिससे करीब 40 लोग मलबे में दब गए। अब तक चार शव बरामद हुए हैं, जबकि अन्य को बचाने का अभियान जारी है।
गाज़ा के अस्पतालों का कहना है कि हमले की शुरुआत से ही 30 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
इज़राइली रक्षा बलों (IDF) ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह विशेष रूप से हमास के ही ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था, जो उनकी सेना के करीब थे और सक्रिय खतरा उत्पन्न कर रहे थे।
हालाँकि, ट्रंप ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि इज़राइल और हमास ने शांति और बंधक रिहाई की प्रथम अवस्था पर सहमति दी है।
इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को बधाई दी और इस समझौते की सकारात्मक दिशा के लिए स्वर दिया।
इस बीच, इस घटना ने यह दिखा दिया है कि युद्धविराम और शांति समझौते कितने नाज़ुक और अस्थिर हो सकते हैं। शांति की दिशा में उठाया गया यह कदम अभी भी पूर्ण नहीं हुआ है और उसके बीच ही हिंसा की पुनरावृत्ति हो रही है।