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गोंडा में विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितताओं के चलते ग्राम-पंचायत अधिकारी निलंबित

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गोंडा जिले में विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितताओं के चलते एक और ग्राम पंचायत अधिकारी को निलम्बित कर दिया गया है। निलबिंत ग्राम पंचायत अधिकारी के ऊपर आरोप है कि ग्राम पंचायत अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने पहले इण्टरलॉकिंग के नाम पर पैसे निकाला लिए और धनराशि आहरित करने के बाद आनन-फानन में कार्य कराया। जिसके चलते टेंडर, कुटेशन एवं वित्तीय नियमों का पालन नहीं किया गया। खण्ड विकास अधिकारी बेलसर को इस प्रकरण की जांच सौंपी गई थी है
पूरा मामला ग्राम पंचायत कुर्था विकासखण्ड करनैलगंज का है। जिला विकास अधिकारी के स्तर पर इस पूरे प्रकरण की जांच की गई थी। बीते 04 अक्टूबर को प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी को अनियमितता के लिए दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, ग्राम पंचायत कुर्था में आरसीसी सड़क से राम के घर तक इण्टरलॉकिंग कार्य के लिए 2 लाख 66 हजार, 565 रुपये का आहरण किया गया। उक्त कार्य के लिए धनराशि आहरित करने के बाद आनन-फानन में काम कराया गया। जिस कारण टेण्डर, कुटेशन एवं वित्तीय नियमों का पालन नहीं किया गया। जिसके लिए ग्राम पंचायत अधिकारी अरुण कुमार सिंह को दोषी पाया गया। इस प्रकरण में बीती 21 अक्टूबर को संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी को नोटिस भी जारी किया गया लेकिन, उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
आरोपों की पुष्टि होने पर संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित किया गया है। खण्ड विकास अधिकारी बेलसर को इस पूरे प्रकरण में जांच अधिकारी नामित किया गया है। साथ ही निलम्बन अवधि के दौरान अरुण कुमार सिंह को विकासखण्ड कार्यालय हरधरमऊ से सम्बद्ध कर दिया गया है।
डीएम नेहा शर्मा द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ बीते एक सप्ताह में यह तीसरी बड़ी कार्यवाही है। बीते शुक्रवार को रिश्वत लेने के आरोप में ग्राम पंचायत रायपुर में तैनात तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी अनिल कुमार वर्मा को निलंबित किया था।

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