
केंद्र सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान के कार्यकाल को 30 मई 2026 तक बढ़ा दिया है। इससे पहले उनका कार्यकाल इस महीने 30 सितंबर 2025 को समाप्त होना था। यानी अब वे करीब आठ महीने और देश की तीनों सेनाओं के सर्वोच्च सैन्य अधिकारी के तौर पर कार्यरत रहेंगे।
क्यों लिया गया यह फैसला?
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब हाल ही में सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस ऑपरेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोनों ने सेना की भूमिका और CDS की रणनीतिक नेतृत्व क्षमता की सराहना की थी। माना जा रहा है कि इसी सफलता के बाद सरकार ने CDS के पद पर स्थिरता बनाए रखने और रक्षा सुधारों को लगातार आगे बढ़ाने के लिए उनके कार्यकाल को बढ़ाने का फैसला किया।
जनरल अनिल चौहान का सैन्य सफर
जनरल चौहान सितंबर 2022 में देश के दूसरे CDS नियुक्त किए गए थे।
वे भारतीय सेना की 16 गढ़वाल राइफल्स से ताल्लुक रखते हैं।
इससे पहले वे पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C) रह चुके हैं।
सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों का गहरा अनुभव होने के कारण CDS बनाया गया।
CDS का महत्व
CDS का पद देश की सैन्य संरचना सुधार (military reforms) की दृष्टि से बेहद अहम है। यह तीनों सेनाओं — थलसेना, नौसेना और वायुसेना — के बीच बेहतर तालमेल और संयुक्त योजनाओं को लागू करने में केंद्रीय भूमिका निभाता है। जनरल चौहान ने अपने कार्यकाल के दौरान थिएटर कमांड की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
आगे की चुनौती
जनरल चौहान के लिए आने वाले महीनों में कई अहम कार्य होंगे —
थिएटर कमांड को अंतिम रूप देना।
रक्षा उत्पादन और स्वदेशीकरण (Make in India in Defence) को गति देना।
सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन और पाकिस्तान से जुड़े रणनीतिक मसलों पर समन्वय बढ़ाना।
सरकार के इस निर्णय से साफ है कि मौजूदा रक्षा नीतियों और सुधारों को बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ाना प्राथमिकता है।