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शीतकालीन सत्र में Indian National Congress ने रखें 3 बड़े मुद्दे

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2025-26 के शीतकालीन सत्र (Winter Session) से ठीक पहले कांग्रेस ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। रविवार (30 नवंबर 2025) को हुई कांग्रेस की पार्लियामेंट्री स्ट्रैटजी ग्रुप बैठक में तय किया गया कि सत्र की शुरुआत से ही तीन ज्वलंत राष्ट्रीय मुद्दों — BLO आत्महत्या, SIR और हालिया दिल्ली धमाके — को सदन में जोर-शोर से उठाया जाएगा।

कांग्रेस सांसदों से कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ इन मुद्दों को भी सदन में रखें। बैठक में यह भी कहा गया कि अगर सरकार इन मुद्दों पर शरीक नहीं होती, तो संसद में हंगामा और असहयोग की स्थिति पैदा हो सकती है।


मुख्य आरोप — SIR, BLO मौतें और मतदाता सूची परिवर्तन

विपक्ष और कांग्रेस का कहना है कि SIR (मतदाता सूची के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण) के नाम पर — खासकर चुनावी राज्यों में — मतदाताओं की सूची में भारी बदलाव हो रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि इस प्रक्रिया में दलित, पिछड़े, वंचित एवं अल्पसंख्यक वोटरों को टारगेट किया जा रहा है। इससे वोट बैंक के राजनीतिक समीकरण बदलने के प्रयास हो रहे हैं।

खासकर मतदाता पहचान व सत्यापन का काम कर रहे बूथ-स्तर के अधिकारियों (BLOs) पर दबाव इतना बढ़ गया है कि कई ने आत्महत्या कर ली या असामान्य मौतें हुई हैं। कांग्रेस इसे एक भयावह संकेत बता रही है कि चुनाव पूर्व मतदाता सूची में बदलाव के नाम पर सचमुच लोगों का मनोबल टूट रहा है।

इसलिए कांग्रेस demands कर रही है कि संसद में SIR और उससे जुड़े दुष्प्रभावों पर खुली, पारदर्शी चर्चा हो।


दिल्ली धमाके को लेकर सुरक्षा-नीति व जवाबदेही का सवाल

सिर्फ मतदाता सूची नहीं — सत्र में कांग्रेस चाहती है कि हालिया दिल्ली धमाके (Delhi blast) व उससे जुड़ी जांच, सुरक्षा तंत्र, खामियों व अगली रणनीति पर सरकार से स्पष्ट जवाब मांगे। विपक्ष का कहना है कि यह घटना सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं — बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा, इंटेलिजेंस विफलता, व नागरिक सुरक्षा व्यवस्था की परीक्षा है।

कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार इस हमले व उसकी जांच को हल्के में लेती है, तो जनता को जवाब चाहिए। इस विवाद ने 2025–26 के सत्र को राजनीतिक उबाल देने की पूरी तैयारी कर दी है।


सरकार की तैयारी — संसद सुचारु, विवाद टालने की कोशिश

वहीं, सरकार ने पहले संकेत दिए हैं कि वह सत्र को सुचारु रूप से चलाने को प्राथमिकता देगी। सत्र शुरू होने से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय मंत्री Kiren Rijiju ने कहा कि वे विपक्ष की बात सुनने को तैयार हैं, लेकिन संसद चलाना सभी का कर्तव्य है। उन्होंने अपील की कि सभी दल ठंडे दिमाग से काम करें।

सरकार ने बताया है कि इस सत्र में लगभग 14 विधेयक (bills) प्रस्तुत किए जाने हैं — और वो आर्थिक सुधार, कॉर्पोरेट कानून, अन्य महत्वपूर्ण बिलों पर काम करना चाहती है।

लेकिन यदि विपक्ष SIR, BLO मौतें और दिल्ली धमाके जैसे संवेदनशील मुद्दों पर लगातार दबाव बनाए रखता है — तो सत्र की शुरुआत से ही जंग छिड़ सकती है।


सियासी पैनल से निकले संकेत — 2025 शीतकालीन सत्र विवादों का मैदान

इस तैयारी और विपक्षी हमले की रणनीति से यह साफ लगता है कि 2025 का यह शीतकालीन सत्र शांतिपूर्ण नहीं होगा। तीन बड़े विवादित मुद्दे — मतदाता पुनरीक्षण (SIR), मतदाता-प्रक्रिया में मौतें / दबाव, तथा राष्ट्रीय सुरक्षा — इसे हंगामेदार बना सकते हैं।

विश्लेषकों का अनुमान है कि इस सत्र में सियासी गहराई से समझौते की बजाए, सत्ताधारी और विपक्ष के बीच टकराव और बढ़ेगा। अगर सत्ताधारी दल व विपक्ष दोनों सहमति व संयम नहीं रखते — तो सत्र सुचारु नहीं बल्कि विवादों का केंद्र बनेगा।

यदि आप चाहें — तो मैं पेशकश कर सकता हूँ, कि इस सत्र के दौरान SIR, BLO आत्महत्या, दिल्ली धमाके — इन तीनों मुद्दों पर संभावित बहस-सवालों की एक सूची बनाऊँ, जो सदन में सबसे ज्यादा सुनने को मिल सकती है।

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