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दिल्ली में जिगोलो मार्केट: एक छुपी हुई सच्चाई

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नई दिल्ली: दिल्ली का जिगोलो मार्केट, जो समाज की नजरों से अक्सर छुपा रहता है, धीरे-धीरे एक बड़ा उद्योग बनता जा रहा है। यह मार्केट मुख्य रूप से ऑनलाइन प्लेटफार्मों और एजेंसियों के माध्यम से संचालित होता है, जो महिलाओं को पुरुष वेश्याओं की सेवाएं प्रदान करता है।

ऑनलाइन प्लेटफार्म और एजेंसियों का बढ़ता दायरा

विभिन्न वेबसाइटें और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जिगोलो सेवाओं के विज्ञापन देखे जा सकते हैं। ये प्लेटफार्म इच्छुक ग्राहकों (मुख्यतः महिलाओं) और जिगोलो के बीच संपर्क साधने का माध्यम बनते हैं। इसके अलावा, कुछ एजेंसियाँ भी इस व्यापार को संगठित तरीके से चला रही हैं, जिनमें सेवा की गुणवत्ता और गोपनीयता का विशेष ध्यान रखा जाता है।

कौन हैं ग्राहक?

जिगोलो सेवाओं का उपयोग करने वाली महिलाओं की प्रोफाइल विविध है:

जिगोलो की प्रोफाइल

जिगोलो बनने वाले पुरुषों की प्रोफाइल भी विविध है:

चुनौतियाँ और खतरें

इस मार्केट में कई खतरें और चुनौतियाँ भी हैं:

सुरक्षा और गोपनीयता

जिगोलो और ग्राहक दोनों के लिए सुरक्षा और गोपनीयता अत्यंत महत्वपूर्ण है। एजेंसियाँ और ऑनलाइन प्लेटफार्म इस बात का ध्यान रखते हैं कि किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी लीक न हो। इसके बावजूद, नकली प्रोफाइल और ठगी की घटनाओं से भी सावधान रहना पड़ता है।

समाज और मीडिया की भूमिका

मीडिया में समय-समय पर इस विषय पर रिपोर्टिंग होती रहती है, जो इस व्यापार की वास्तविकता को उजागर करने का प्रयास करती है। हालांकि, समाज में अभी भी इस पेशे को लेकर पर्याप्त स्वीकृति नहीं है।

निष्कर्ष

दिल्ली का जिगोलो मार्केट एक जटिल और विवादास्पद विषय है, जो कई सामाजिक, कानूनी और नैतिक मुद्दों को उठाता है। इस पर व्यापक दृष्टिकोण और समझ की आवश्यकता है ताकि इस पेशे से जुड़े लोगों के अधिकारों और सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके।


यह रिपोर्ट दिल्ली के जिगोलो मार्केट की वास्तविकता को उजागर करने का प्रयास है, जिसे अक्सर समाज की नजरों से छुपा दिया जाता है। इस विषय पर अधिक जागरूकता और समझ की आवश्यकता है।

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