
काठमांडू, 12 दिसंबर 2025: नेपाल सरकार ने शुक्रवार को बताया कि **सेप्टेम्बर में Gen-Z आंदोलन और उसके बाद हुई हिंसा से देश की अर्थव्यवस्था को करीब **586 मिलियन डॉलर (लगभग 8 हजार 400 करोड़ नेपाली रुपये) का नुकसान हुआ है, जिससे राजनीतिक और आर्थिक तनाव फिर से उभरकर सामने आया है।
सरकार के बयान के अनुसार यह नुकसान उस वक्त के करीब 42 अरब डॉलर के कुल आर्थिक आकार वाले नेपाल की अर्थव्यवस्था को एक बड़ी चोट है। हिंसा में आम लोगों और सरकारी इमारतों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
हिंसा में 77 लोगों की मौत हुई और 2,000 से अधिक लोग घायल हुए थे, जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा, और बाद में सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
सरकारी और निजी दोनों प्रकार की संपत्तियों में व्यापक तोड़फोड़ और आगजनी हुई, जिनमें सिंह दरबार कार्यालय परिसर, प्रधानमंत्री कार्यालय, सुप्रीम कोर्ट, संसद भवन और कई नेताओं के निजी आवास शामिल हैं।
एक आधिकारिक समिति के मुताबिक केवल इन ढांचों का पुनर्निर्माण 252 मिलियन डॉलर से अधिक खर्च करेगा, लेकिन अब तक पुनर्निर्माण के लिए बनाए गए सरकारी फंड में केवल 1 मिलियन डॉलर से कम राशि ही इकट्ठा हुई है, और सरकार ने बाकी राशि जुटाने का स्पष्ट तरीका नहीं बताया है।
नेपाल सरकार ने मार्च 5, 2026 को नई संसदीय चुनाव कराने की घोषणा भी की है, ताकि राजनीतिक स्थिरता वापस लाई जा सके।



