
उत्तर प्रदेश के मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि यदि आवश्यकता हुई, तो सरकार से इस्तीफा देने में वह पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने अपने गुस्से का कारण बयान नहीं किया, लेकिन ऐसे वक्तव्य यह दर्शाते हैं कि राजभर और सरकार के बीच कुछ असहमति या दबाव मौजूद हो सकता है।
राजभर ने अपने करियर में कई बार विरोधी रुख अपनाया है—चाहे वह ओबीसी आरक्षण को लेकर हो, या गठबंधन के सीट बंटवारे और अपने विभागों से संबंधित मुद्दों पर। ऐसे बयान अक्सर राजनीतिक रणनीति और असंतोष की प्रतिक्रिया के रूप में देखे जाते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान इसी तरह की रणनीतिक चाल हो सकती है, जिससे सरकार और गठबंधन में दबाव बनाए रखा जा सके। इससे यह स्पष्ट होता है कि राजभर अपनी राजनीतिक पहचान और जनाधार बनाने के लिए कभी-कभी सख्त भाषा का सहारा लेते रहे हैं।