क्या हुआ है?
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने फैसला किया है कि अब खिलाड़ी स्वयं मैच चुनकर आराम नहीं ले सकेंगे—विशेषकर वे जो सभी प्रारूपों में नियमित रूप से खेलते हैं। यह कदम माना जा रहा है कि तेज गेंदबाजों द्वारा व्यक्तिगत निर्णयों से टीम स्तर पर भरोसे में कमी आए। हाल ही में इंग्लैंड के दौरे पर जसप्रीत बुमराह ने पाँच टेस्ट में से दो मैच मिस किए, जिसके बाद बोर्ड ने इस प्रथा को रोकने का मन बना लिया है।
प्रमुख बिंदु:
- एक वरिष्ठ BCCI अधिकारी ने कहा:
“फास्ट बॉलर्स की वर्कलोड प्रबंधन होगी, लेकिन महत्वपूर्ण मैचों को छोड़ना स्वीकार्य नहीं है।
- कोच गौतम गंभीर और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अग्रकर का मानना है कि टीम में स्टार कल्चर को खत्म करते हुए समान दृष्टिकोण अपनाया जाए।
छोटे खिलाड़ियों से बड़ा संदेश:
- इंग्लैंड दौरे पर मो. सिराज ने पांचों टेस्ट खेले, 185.3 ओवर डाले और टीमेंशिप जज़्बा दिखाया।
- प्रसिद्ध खिलाड़ियों जैसे बुमराह ने युवा खिलाड़ियों की मेहनत को अपनी प्राथमिकता मानते हुए मैच छोड़े, जिससे बोर्ड में असंतोष भड़का।
सुनील गावरकर की राय:
पूर्व कप्तान सुनील गावरकर का मानना है कि जब देश के लिए खेलना हो, तो दर्द और चोटों को भूलकर मैदान में उतरना खिलाड़ी का फर्ज है।
“जब आप देश के लिए खेलते हैं, तो दर्द भूल जाना चाहिए… सिराज ने वही दिखाया। यह ‘वर्कलोड’ केवल मानसिक भ्रम है, शारीरिक नहीं।