भारत ने जम्मू-कश्मीर में सावलकोट हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे पाकिस्तान में चिंता की लहर दौड़ गई है। यह परियोजना चिनाब नदी पर बनाई जा रही है, जो सिंधु जल संधि के अंतर्गत पाकिस्तान के हिस्से की प्रमुख नदियों में से एक मानी जाती है।
सावलकोट पनबिजली परियोजना की क्षमता 1,856 मेगावाट होगी और इसे एक बहु-चरणीय प्रक्रिया के तहत विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के निर्माण के लिए भारत सरकार ने निविदा (टेंडर) आमंत्रित की है, जो साफ संकेत देता है कि अब इस पर तेज़ी से काम शुरू होने जा रहा है।
पाकिस्तान को डर है कि अगर भारत इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाता है और चिनाब नदी के प्रवाह को नियंत्रित करता है, तो उसके पंजाब और सिंध क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ सकता है।
हालांकि भारत की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि यह परियोजना पूरी तरह से सिंधु जल संधि के नियमों के तहत है और इसमें पाकिस्तान के हिस्से के पानी को रोके जाने का कोई इरादा नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना चाहता है, ताकि अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसके साथ ही यह पाकिस्तान को यह संकेत भी देता है कि सीमा पार आतंकवाद और द्विपक्षीय संबंधों पर असर डालने वाले कदमों का जवाब कूटनीतिक और रणनीतिक रूप से दिया जाएगा।