
उत्तर प्रदेश के एटा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक ही व्यक्ति की तस्वीर वाले दो आधार कार्ड पाए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इन दोनों कार्डों पर अलग-अलग नाम दर्ज हैं – एक पर नाम “रामनारायण” और दूसरे पर “रमेश प्रसाद” लिखा हुआ है। मामला सामने आते ही स्थानीय प्रशासन और UIDAI हरकत में आ गए हैं।
ग्रामीणों ने सबसे पहले इस गड़बड़ी की शिकायत की थी। दोनों आधार कार्ड की तस्वीरें पूरी तरह मेल खा रही थीं, लेकिन नाम अलग-अलग थे। जांच में पाया गया कि दोनों कार्डों का बायोमेट्रिक डेटा भी समान था, जिससे यह साफ हो गया कि ये एक ही व्यक्ति के हैं।
UIDAI ने इस आधार पर जांच शुरू कर दी है और धोखाधड़ी की आशंका में प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि किसने और क्यों अलग-अलग नामों से पहचान पत्र बनवाया। इसके पीछे फर्जी जाति प्रमाण पत्र या सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ लेने की मंशा हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में दस्तावेजों में नाम की वर्तनी और उपनाम को लेकर अक्सर गड़बड़ी हो जाती है, लेकिन एक ही बायोमेट्रिक से दो अलग पहचान बनना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। अगर दोष साबित हुआ, तो आरोपी को पहचान अधिनियम के तहत सख्त सजा मिल सकती है।
यह मामला UIDAI के रिकॉर्ड और पहचान प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े कर रहा है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में आधार अपडेट और सत्यापन प्रक्रिया को लेकर।