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अफगानिस्तान करेगा पाकिस्तान की जल आपूर्ति रोक — कुनार नदी पर बांध निर्माण की तैयारी

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हाल ही में Afghanistan के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में एक बड़ी भू-राजनीतिक घटना सामने आई है, जिसमें तालिबान शासन के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है कि किनार नदी (Kunar River) पर बांध बनाकर Pakistan को बँटने वाले पानी की आपूर्ति को रोका जाए। यह कदम अफगानिस्तान की ओर से जल संसाधनों पर अपना अधिकार स्पष्ट करने का प्रयास माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, तालिबान के सर्वोच्च नेता Hibatullah Akhundzada ने जल एवं ऊर्जा मंत्रालय को आदेश दिए हैं कि वे कुनार नदी पर तुरंत बांध निर्माण की प्रक्रिया आरंभ करें। इसके साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि विदेशी कंपनियों को इंतजार न किया जाए बल्कि घरेलू अफगान कंपनियों के माध्यम से काम तेजी से शुरू किया जाए।

जल एवं ऊर्जा मंत्री Mullah Abdul Latif Mansour ने स्पष्ट कहा है कि अफगानिस्तान को अपने जल संसाधनों का प्रबंधन करने का पूरा अधिकार है। इस बयान का अर्थ यह लगाया जा सकता है कि अफगानिस्तान इस क्षेत्र में अपनी रणनीति को अधिक सक्रिय और स्वायत्त बनाना चाह रहा है।

यह निर्णय विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कुनार नदी पाकिस्तान की ओर बहती है और वहां पानी की आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत रही है। इस तरह, अगर बांध बना लिया जाता है या पानी की बहाव को नियंत्रित किया जाता है, तो पाकिस्तान को जल संसाधन संकट का सामना करना पड़ सकता है।

इस पृष्ठभूमि में, यह भी महत्वपूर्ण है कि यह कदम अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच मौजूदा राजनीतिक और भू-सामरिक तनाव की झलक दिखाता है। ऐतिहासिक रूप से, जब अंतरराष्ट्रीय संबंध तनाव में होते हैं, तो जल संसाधन जैसे प्रतीकात्मक मुद्दे भी सामने आ जाते हैं। उदाहरण के लिए, भारत ने पहले भी पाकिस्तान के साथ जल संबंधी समझौतों को माहौल के कारण स्थगित किया था।

इसके अलावा, अफगानिस्तान में घरेलू कंपनियों को प्राथमिकता देने की दिशा यह संकेत देती है कि देश अपनी आर्थिक और संसाधन-संबंधी स्वायत्तता को बढ़ावा देना चाहता है। यह पहल कि “विदेशी कंपनियों का इंतज़ार न हो” के आदेश दिए गए हैं, ऐसा दिखाता है कि कार्य जल्द-से-जल्द शुरू करने की रणनीति है।

भविष्य की चुनौतियाँ और प्रभाव:

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