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Afsha Ansari की संपत्ति कुर्क

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उत्तर प्रदेश के मऊ जिले स्थित गैंगस्टर न्यायालय (special gangster court) ने शुक्रवार को आदेश को अन्तिम रूप से पुष्टि कर दी कि Mukhtar Ansari की पत्नी Afsha Ansari की संपत्ति — जिसे पुलिस ने अवैध तरीके से अर्जित बताया था — को कुर्क करना जायज़ है। अदालत ने इस मामले में पुलिस की जांच तथा आरोपों को सही मानते हुए कुर्की का आदेश बरकरार रखा।

पुलिस को शक था कि यह संपत्ति सिर्फ कानूनी तरीके से नहीं, बल्कि किसी अवैध कमाई या आपराधिक नेटवर्क से जुड़ी कमाई से हासिल की गई है। थाना दक्षिण टोला पुलिस की तहरीर पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज था। जांच में तय किया गया कि संपत्ति की अनुमानित कीमत लगभग ₹ 3.36 करोड़ बताई गई थी।

इससे पहले भी अफ्शा अंसारी के खिलाफ कई दूसरी कार्रवाई हो चुकी हैं — उनके नाम पर कई फ्लैट और जमीन जब्त हो चुकी है, और उन्हें फरार अपराधी घोषित किया जा चुका है।


अदालत और अदालतीन कार्रवाई

विशेष न्यायाधीश (gangster court) ने सुनवाई के दौरान पाया कि पुलिस ने पर्याप्त सबूत दिए हैं कि विवादित संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की गई थी। इसके चलते अदालत ने कुर्की आदेश को सही ठहराया।

यह आदेश एक ठोस संकेत है कि सरकार और पुलिस, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क से जुड़ी संपत्तियों पर कार्रवाई रोक-थाम नहीं कर रही, बल्कि लगातार उन संपत्तियों को चिन्हित और जब्त कर रही है — भले ही आरोपी फरार हो।


आरोपी की स्थिति — फरार, वारंट जारी, गिरफ्तारी बाकी

अफ्शा अंसारी को पहले ही फरार घोषित किया जा चुका है, और उन पर गैर-जमानती वारंट जारी है। उनके खिलाफ कई मामलों में आरोप तय हो चुके हैं।

पुलिस लंबे समय से उनकी गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में उन्होंने उन्होंने उनके सहयोगियों और सम्पर्कियों की भी संपत्ति सीज या कुर्क की। उदाहरण के लिए, एक सहयोगी की भी संपत्ति जब्त की गई थी।


 व्यापक संदर्भ — अपराध-प्रतिरोधी नीति की दिशा

यह कदम उस मुहिम का हिस्सा है जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन ने पिछले कुछ वर्षों से तेज किया है — माफिया, कथित बाहुबली, अपराधियों और उनके अवैध धन-संपत्ति के खिलाफ। यह “संपत्ति कुर्की” न सिर्फ आतंक व अपराधी गतिविधियों को आर्थिक आधार से वंचित करती है, बल्कि समाज में यह संदेश भी देती है कि अवैध कमाई को खुला नहीं छोड़ा जाएगा।

ऐसे मामलों में कुर्की और कानूनी कार्रवाई, समाज-व्यवस्था की सुरक्षा, कानून की प्रतिष्ठा, और आम नागरिकों में विश्वास कायम रखने के लिए अहम होती है।


आगे का क्या — कोर्ट या पुलिस क्या कदम उठा सकती है

चूंकि अदालत ने कुर्की आदेश को बरकरार रखा है और आरोपी फरार है, अब पुलिस की अगली चुनौती होगी — अफ्शा अंसारी की गिरफ्तारी। अगर गिरफ्तारी होती है, तो उसके बाद अन्य आरोपी और संपत्तियों की भी सूची तैयार हो सकती है।

साथ ही, यह भी देखने की जरूरत होगी कि अदालत आगे साक्ष्य-प्रक्रिया, जमानत या मुकदमा तय होने की दिशा में क्या कदम उठाती है।

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