
12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, टेकऑफ़ के कुछ ही क्षणों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, जबकि एक ब्रिटिश नागरिक, विश्वकुमार रमेश, इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे। हादसा मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में हुआ, जिससे कई छात्र और स्थानीय निवासी भी प्रभावित हुए।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पुष्टि की है कि विमान ने टेकऑफ़ के बाद लगभग 650 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद तकनीकी खराबी का सामना किया। इस दौरान विमान ने “मेडे” कॉल किया, जो एक आपातकालीन स्थिति का संकेत था। हालांकि, विमान के दोनों इंजन सही बताए गए हैं, लेकिन प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि विमान के फ्लैप्स और लैंडिंग गियर में गड़बड़ी हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फ्लैप्स को समय से पहले ही खींच लिया गया हो, तो विमान की लिफ्ट क्षमता में कमी आ सकती है, जिससे दुर्घटना हो सकती है।
इस हादसे के बाद, भारत सरकार ने एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े की अतिरिक्त तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं। इसके तहत ईंधन प्रणाली, इंजन नियंत्रण प्रणाली और केबिन एयर कंप्रेसर सहित अन्य महत्वपूर्ण प्रणालियों की जांच की जाएगी। अमेरिका, ब्रिटेन और बोइंग के विशेषज्ञ भी इस जांच में शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है और राहत कार्यों के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।
यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के इतिहास में पहला घातक हादसा है, और यह विमानन सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। अधिकारियों ने जांच पूरी होने तक कोई भी निष्कर्ष पर पहुंचने से बचने की सलाह दी है।