
दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है और राजधानी की हवा अब लोगों के लिए जानलेवा बनती जा रही है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो चुकी है कि इसे अब ‘पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी’ माना जाना चाहिए। डॉ. गुलेरिया के अनुसार, जिन लोगों के फेफड़े कमजोर हैं या जो अस्थमा और सांस की बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें फिलहाल दिल्ली छोड़ देने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि प्रदूषण का असर केवल फेफड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह खून, दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल रहा है। जो लोग दिल्ली में रह रहे हैं, उन्हें एन-95 या एन-99 मास्क पहनना चाहिए, घर में एयर प्यूरीफायर लगाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह नियमित रूप से लेनी चाहिए। हाल के दिनों में अस्पतालों में सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा और सीने में जकड़न के मरीजों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि देखी गई है।
डॉ. गुलेरिया ने सरकार से अपील की है कि वह जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए, ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वयं भी वाहन का कम प्रयोग करना चाहिए और प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों से दूरी बनानी चाहिए, क्योंकि मौजूदा स्थिति अब बेहद चिंताजनक हो चुकी है।



