
12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान AI171 (बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर) के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने विमानन जगत में कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस हादसे में 241 लोगों की जान गई, जबकि एक व्यक्ति, ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश, चमत्कारी रूप से बच गए। विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में गिरा, जिससे विमान और ज़मीन दोनों पर भारी तबाही हुई।
🔍 क्या दोनों इंजन एक साथ बंद हुए थे?
विमान के दोनों इंजन एक साथ बंद होने की संभावना को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। यह घटना अत्यंत दुर्लभ मानी जाती है। पायलटों ने इसे “अत्यंत दुर्लभ दोहरे इंजन विफलता” या “मानव त्रुटि” के रूप में विश्लेषित किया है। उन्होंने साजिश, पक्षी टकराव या ईंधन संदूषण जैसी संभावनाओं को खारिज किया है। हालांकि, इस पर आधिकारिक जांच जारी है।
🧠 क्या यह सायबर हमला हो सकता है?
कुछ विशेषज्ञों ने यह संभावना जताई है कि विमान के दोनों इंजन एक साथ बंद होने का कारण सायबर हमला हो सकता है। हालांकि, इस पर कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन यह संभावना पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता।
📉 क्या बोइंग की सुरक्षा में कोई खामी है?
बोइंग के पूर्व कर्मचारियों ने पहले भी कंपनी की सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने शॉर्टकट्स, कर्मचारियों की अपर्याप्त प्रशिक्षण और सुरक्षा से संबंधित अन्य गंभीर मुद्दों की ओर इशारा किया था। दुर्भाग्यवश, उनकी चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया, जिससे इस दुर्घटना की संभावना बढ़ गई।
🕵️♂️ क्या यह मानव त्रुटि का परिणाम था?
कुछ पायलटों ने यह संभावना जताई है कि यह दुर्घटना पायलटों की मानव त्रुटि का परिणाम हो सकती है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्थिति में सही निर्णय लेने में विफलता से यह हादसा हुआ हो सकता है। हालांकि, इस पर भी जांच जारी है।
🧾 निष्कर्ष
अहमदाबाद में एयर इंडिया की विमान दुर्घटना ने विमानन सुरक्षा के कई पहलुओं पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, इस पर आधिकारिक जांच जारी है, लेकिन यह घटना हमें सुरक्षा मानकों की पुनः समीक्षा करने की आवश्यकता की याद दिलाती है।