
मुख्य बिंदु:
- साद बिन अतेफ़ अल-औलाकी, जो यमन स्थित अल-कायदा शाखा (AQAP) के नेता हैं, ने हाल ही में एक वीडियो संदेश में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला-स्पेसएक्स के सीईओ इलॉन मस्क को धमकी दी है।
- यह उनका पहला संदेश है, जिसमें उन्होंने इजरायल-हमास युद्ध में ग़ाज़ा में हो रही तबाही के बाद “कोई लाल रेखा नहीं” और “बदले की भावना जायज़ है” कहते हुए लौ-वुल्फ (एकाकी) हमलों के लिए भी आह्वान किया ।
- वीडियो में ट्रंप, मस्क, उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस और अन्य अमेरिकी अधिकारियों की तस्वीरें दिखाई गईं, साथ ही टेस्ला कंपनी का लोगो भी दिखाया गया ।
- AQAP का दावा है कि यह संदेश ग़ाज़ा की तबाही के विरोध में और इस क्षेत्र में इसकी ताक़त बढ़ाने के लिए रणनीति का हिस्सा है ।
पृष्ठभूमि एवं विश्लेषण:
- ग़ाज़ा संकट के दौरान विश्वभर में अतिवादी संगठनों की गतिविधियाँ बढ़ी हैं — अल-कायदा और IS जैसी समूहों ने अपने समर्थकों को अमेरिका और उसके सहयोगियों पर हमले के लिए प्रेरित किया है ।
- यमन में AQAP को सबसे प्रभावशाली स्थानीय शाखा माना जाता है, जिसमें 3,000–4,000 लड़ाके हैं — हाल ही के वर्ष में अमेरिकी ड्रोन हमलों और अंदरूनी कलह के बावजूद इसका नेटवर्क मजबूत बना हुआ है।
- सन 2025 में ट्रंप प्रशासन की यमन में हुस्सी विद्रोहियों और AQAP पर लगातार रणनीतिक कार्रवाई जारी है, जिसमें एयर स्ट्राइक और सैन्य अभियानों की भूमिका शामिल रही है ।
संक्षिप्त निष्कर्ष:
यमन में AQAP के नए नेता द्वारा अमेरिकी राजनेताओं और उद्यमियों को धमकी देना, ग़ाज़ा संघर्ष में वैश्विक आतंकवादियों की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। उनका यह संदेश ‘बदले की भावना’ और ‘रेड लाइन्स की अनुपस्थिति’ का खुला इशारा है, जो वैश्विक सुरक्षा और आतंकवाद-विरोधी प्रयासों में नई चुनौतियाँ पैदा कर सकता है।